Kanpur Health News: वर्षों से गुमनाम, होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में अब बढ़ रहा लोगों का रुझान
कानपुर (ब्यूरो)। लखनपुर सालों से गुमनाम लखनपुर का पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सा यूनिवर्सिटी की तरफ अब कानपुराइट्स का रुझान बढ़ा है। यह हम इस लिए कह रहे है कि सिटी में रहने वाले लोगों में बहुत कम लोगों को पता है कि सिटी में हौम्योपैथिक चिकित्सा की यूनिवर्सिटी है। जहां किडनी स्टोन, ज्वाइंट पेन समेत कई गंभीर रोगों का सफल ट्रीटमेंट किया जाता है। होम्योपैथिक चिकित्सा की बात करें तो कोविड के बाद होम्योपैथिक चिकित्सा पर कानपुराइट्स की दिलचस्पी बढ़ी है। यह बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे बल्कि बीते दोनों में यूनिवर्सिटी में ट्रीटमेंट के लिए आने वाले पेशेंट की बढ़ी संख्या को देखते हुए कह रहे हैं।
दो साल में बढ़े 25 परसेंट पेशेंटपंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सा यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल डॉ। राजेश कुमार ने बताया कि बीते दो वर्ष पूर्व यूनिवर्सिटी की ओपीडी में डेली 250 से 300 और एक माह में 8 हजार के लगभग पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए आते थे। कोविड के बाद होम्योपैथिक दवाओं के प्रति लोगों को बढ़ी रुचि की वजह से वर्तमान में डेली ओपीडी में अपने वाले पेशेंट का आंकड़ा बढ़ कर 400 के लगभग और हर माह 10 हजार के लगभग हो गया है।
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1970 के दशक में बनी थी यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल के मुताबिक सिटी में होम्योपैथिक चिकित्सा यूनिवर्सिटी की स्थापना 1970 के दर्शक में हुई थी। पहले यह लखनऊ हेड आफिस से कनेक्ट थी। 1991 में इसको लखनऊ से हटा कर राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सा यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया था। क्योंकि एलोपैथी का प्रभाव लोगों में अधिक है। वहीं कानपुराइट्स को सिटी में होम्योपैथिक यूनिवर्सिटी होने की जानकारी न होने की वजह से बीते कुछ सालों पहले तक ओपीडी में नाम मात्र पेशेंट ही आते थे। कोविड के बाद लोगों मे ंहोम्योपैथिक दवाओं के प्रति रुचि बढऩे की वजह से बीते दो सालों में ओपीडी में 25 परसेंट पेशेंट की संख्या बढ़ी है।