मतांतरण का गढ़ बन चुका कानपुर, 7 मामले पहले से दर्ज
कानपुर (ब्यूरो)। शहर में मतांतरण का ये कोई पहला मामला नहीं है। सबसे पहला मामला कमिश्नरेट के घाटमपुर थाने में दर्ज किया था। इस मामले में धार्मिक स्थल से पुलिस ने तमाम ऐसे दस्तावेज बरामद किए थे। जिससे मतांतरण के लिए विदेशी कनेक्शन साबित हो रहा था। इस मामले में चिल्ली गांव के रहने वाले अनिल मसीह, केरल के हलून पास्टर, गीता सोनारे और प्रकाश सोनारे समेत छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने अनिल और हलून को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अनिल जमानत पर बाहर है, जबकि हलून अभी जेल में है। गीता और प्रकाश फरार हैैं। मामले में पार्शियल चार्जशीट लगाई जा चुकी है। जिले में मतांतरण के आधा दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं लेकिन पुलिस ने अधिकतर मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी। किसी भी केस में मतांतरण के मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सकी।
मतांतरण की क्लासेस
चकेरी के श्याम नगर में फ्लैट में मतांतरण की क्लास, रावतपुर की थारू बस्ती में बच्चे की छठी में मतांतरण के लिए ब्रेन वॉश और पूरी रात क्रिश्चियनिटी की जानकारी के नाम पर लोगों को लालच दिया गया। कर्नलगंज की एनफेनी चर्च में मतांतरण, नवाबगंज में दो बार एफआईआर दर्ज हुई और स्वरूप नगर समेत कई मामले सामने आए थे। एक के बाद एक आधा दर्जन से ज्यादा सामूहिक मतांतरण के केस सामने आने पर पुलिस पूरे सिंडीकेट का खुलासा नहीं कर सकी। जबकि फौरी जांच करके मामलों को रफा-दफा कर दिया गया।
घाटमपुर मतांतरण केस में तो पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन चकेरी श्याम नगर में मतांतरण और विदेश से फंडिंग होने के बाद भी चकेरी पुलिस ने क्लीनचिट देते हुए केस में एफआर लगा दी। इसी तरह चकेरी के दूसरे मतांतरण केस में भी पुलिस ने फाइल बंद कर दी। इसके बाद रावतपुर की थारू बस्ती में सामूहिक मतांतरण के लिए मोटीवेट करने का वीडियो सामने आने के बाद रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद इस केस में भी फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया।