MillennialsSpeak : कानपुर में #RaajniTEA पर करप्शन पर 'वार', मेक इन इंडिया की हुर्इ तारीफ
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KANPUR : लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारे में शुरू हुई हलचल को देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रेडियो सिटी के साथ मिलकर यूथ की नब्ज टटोलने का प्रयास किया है। मिलेनियल्स स्पीक के नाम से यूथ को मंच दिया जा रहा है, जिसमें वो अपने चुनावी मुद्दे हमसे शेयर कर रहे हैं। थर्सडे को हम रमईपुर के दयानंद दीनानाथ एजूकेशन सेंटर पहुंचे। यहां यूथ अपने बीच आरजे राघव और आई नेक्स्ट की टीम को पाकर खुशी से झूम उठे। स्टैंडअप कॉमेडियन पुनीत शुक्ला ने भी अपने स्टाइल में यूथ को खूब हंसाया।
सिर्फ काम करने वाले की पूछ
दोपहर करीब 12 बजे मिलेनियल्स स्पीक की शुरुआत भारत पाक के मुद्दे को लेकर हुई। इस दौरान यूथ ने इंडियन आर्मी के जज्बे को सलाम कर उनका हौसला बढ़ाया। निकिता, अंजलि व अनुराधा ने कहा कि हमारी कंट्री में अब यूथ का परसेंटेज लगातार बढ़ रहा है। आने वाले समय में हम सबसे ज्यादा यूथ पॉपुलेशन वाली कंट्री होंगे। ऐसे में पहले जहां नेता सिर्फ लुभावने वादे करके ही लोगों से वोट पा लेते थे, अब उन्हें एक-एक वोट के लिए सच बोलना पड़ेगा। जो जनता के काम करेगा और कंट्री के हित में फैसले लेने वाले की ही गवर्नमेंट बनेगी।
- करप्शन के मुद्दे पर काम करने वाले गवर्नमेंट चाहिए। करप्शन को खत्म करने के लिए यूथ भी उनका साथ देंगे। शिक्षा अच्छी होगी तो करप्शन में अधिकारी और कर्मचारी लिप्त नहीं होंगे। सच कहूं तो करप्शन को लालच जन्म देता है।- लोगों में आज सिविक सेंस की कमी दिखाई देती है। इस कारण हम खुद ही कई समस्याओं से घिर चुके हैं। पॉल्यूशन के कारण ही लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। अगर सिर्फ गवर्नमेंट के एक्शन भरोसे बैठे रहे तो बहुत देर हो जाएगी।- चुनाव नजदीक आते ही नेता लुभावने वादे करते दिखते हैं। लेकिन, यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है। हमें ऐसे व्यक्ति को वोट करना चाहिए जो यूथ के फ्यूचर को बनाने की योजनाओं पर काम कर सके।- गरीबों के लिए आने वाले योजनाओं का लाभ मिडिल क्लास उठा लेते हैं। कम से कम कोई ऐसी बॉडी होनी चाहिए, जो इस तरह के करप्शन पर गंभीरता से काम कर सके। अगर हमारी कंट्री से करप्शन मिट जाए तो हम पॉवरफुल खुद ही हो जाएंगे।
सड़कों तक भी पहुंचे डेवलपमेंट
प्राची, अंकिता व आयुशी ने बड़े जोश और उत्साह के साथ अपने चुनावी मुद्दे रखे। उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता सोचे कि वो यूथ इंडिया को बहला फुसला कर अपना मतलब निकाल लेगा तो वो गलत है। कहा सिर्फ डेवलपमेंट की बात न हो, बल्कि डेवलपमेंट सड़कों तक दिखना चाहिए। आज भी शहर की हर सड़क गड्ढों से भरी पड़ी है, जबकि आए दिन वीआईपी शहर में होते हैं। इस प्राब्लम को मिटाने वाले को ही वोट देंगे। इस बीच निधि, श्रेयांशी व स्वीटी ने कहा कि गवर्नमेंट बनने के बाद नेता पब्लिक की समस्याओं को देखना बंद कर देते हैं। डेवलपमेंट सिर्फ कागजों पर होता है, उसे छिपाए रखने में कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक का हिस्सा लगता है। उनकी बात खत्म होने से पहले ही उनकी बात से सहमत असीफा व सुमन ने डेवलपमेंट का मुद्दा उठाया.
मेक इन इंडिया अच्छा फैसला
गोपाल, अंशुमान और विशाल ने कहा कि कंट्री तभी डेवलप हो सकती है, जब हर एक यूथ उसे डेवलप करने में अपना सहयोग दे। कहा प्रेजेंट गवर्नमेंट में मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने इस सोच का बल दिया है। जिन चीजों पर पहले अपने पड़ोसी या अन्य देशों पर निर्भर रहते थे, उनका निर्माण अब देश में ही हो रहा है। इसमें गवर्नमेंट का भी पूरा सहयोग मिला है। कहा ऐसी ही सोच रखने वाली गवर्नमेंट होनी चाहिए।
विशाल पांडेय ने कहा कि अगर कंट्री में करप्शन खत्म हो जाए तो अपने आप अनइम्प्लॉमेंट खत्म हो जाएगा। गवर्नमेंट सेक्टर में आज भी सैकड़ों पोस्ट खाली पड़ी हैं। एग्जाम होता है, लेकिन किसी न किसी कारण से रद्द कर दिया जाता है। इससे जनता के पैसों की बर्बादी होती है। तभी, विवेक, सूरज और सुमित ने कहा कि गवर्नमेंट कई तरह की योजनाएं चलाती है। लेकिन, किसानों का गर्ज माफी और बेरोजगार भत्ता जैसी योजनाएं उन्हें कमजोर करने जैसी है। किसानों को बैंकों की मदद से कर्ज ही इसलिए दिया जाता है, क्योंकि वो माफ होना होता है। इसमें बैंकों के कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक का हिस्सा भी लगता है।
सिविक सेंस कैसे होगा डेवलप
यूथ ने कहा कि कंट्री में आज भी लोगों में सिविक सेंस की कमी नजर आती है। डस्टबिन रखा होने के बाद भी लोग कूड़ा उठा कर डस्टबिन के बाहर फेंक देते हैं। रात होते ही घरों से महिलाएं कूड़ा उठा कर निशाना लगाकर सड़कों पर फेंक देती हैं। इसी तरह लोग ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में भी आगे हैं। इन सभी कमियों को दूर करने में हमें गवर्नमेंट की मदद करनी होगी। दरअसल, सही कहें तो यह खुद की मदद होगी।
मिलेिनयल्स वर्जन- -किसी भी गवर्नमेंट में लोगों को खुद ही सुधार करने होते हैं। बात अगर सिविक सेंस की करें तो वो डेवलप करना बहुत जरूरी है। पैरेंट्स और स्कूलों को बच्चों को मॉरल एजूकेशन देने के बाद प्रैक्टिकल भी करना चाहिए।- यूथ को लालच देने वाले वादे करने वाले नेताओं को सबक सिखने का समय है। जो काम करेगा उसे ही वोट दिया जाएगा। हमें भी अपनी कंट्री को विश्व में नंबर वन बनाना है। इसलिए, जरूरी है कि हम सब हिस्सेदारी निभाएं।- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गवर्नमेंट को अभी बहुत काम करने की जरूरत है। इसके अलावा मुझे इस वर्तमान गवर्नमेंट में करप्शन में कमी आती दिख रही है। कर्मचारियों में भी ईमानदारी को लेकर जज्बा जगना शुरू हो चुका है।