न्यूयॉर्क में एक होटल कर्मचारी के बलात्कार के प्रयास के आरोप के कारण घर पर नज़रबंद किए गए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व प्रमुख डॉमिनिक स्ट्रॉस-कान को रिहा कर दिया गया है.

उन्हें मुचलके की 60 लाख डॉलर की राशि लौटा दी गई है लेकिन सरकारी वकीलों की सहमति के बाद उनसे कहा गया है कि वे न्यूयॉर्क से बाहर जा सकते हैं लेकिन उन्हें फ़िलहाल अमरीका में ही रहना होगा। उन्हें केवल इतना कहा गया है कि वे अदालत में पेश होने का वादा करें।

फ़्रांस के नागरिक 62-वर्षीय स्ट्रॉस कान पर 14 मई को न्यूयॉर्क के मैनहैटन होटल की एक महिला कर्मचारी का बलात्कार करने का प्रयास करने के आरोप लगे थे। उन्होंने इसका खंडन किया था। लेकिन पूरे मामले पर इतना बवाल मचा था कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।

उधर फ़्रांस की विपक्षी सोशलिस्ट पार्टी ने स्ट्रॉस कान की रिहाई के घटनाक्रम का स्वागत किया है। पार्टी के प्रवक्ता बेनोइट हेमोन ने कहा है कि यह राहत का क्षण है।

पार्टी के एक सांसद ज्यां मेरी ली गुएन ने कहा है कि फ़्रांस के राष्ट्रपति पद के आने वाले चुनावों में स्ट्रॉस कान दोबारा एक अहम खिलाड़ी हो सकते हैं।

'महिला ने कभी बयान नहीं बदला'
रिपोर्टों के अनुसार सरकारी वकीलों के मन में होटल कर्मचारी को विश्वसनीय गवाह के तौर पर पेश करने के बार में शंका पैदा हो गई है।

उनका कहना है कि पूर्वी अफ़्रीकी मूल की इस 32-वर्षीय महिला कर्मचारी ने स्वीकार किया है कि उसने ग्रैंड जूरी के सामने झूठ बोला था।

उनका कहना है कि महिला ने माना है कि वह उस दिन की कथित घटना के बाद एक और कमरे की सफ़ाई करने गई थीं और उसके बाद ही उन्होंने अपने सुपरवाइज़र को इस हमले के बारे में जानकारी दी थी।

लेकिन महिला के वकील ने कहा है कि महिला ने स्ट्रॉस कान के हमले के बारे में कभी अपना बयान बदला नहीं है और वो जो भी कह रही हैं उसके समर्थन में पर्याप्त फ़ोरेंसिक सबूत हैं।

जज माइकल ओबस ने शुक्रवार को अदालत में कहा, "मेरी समझ में इस मामले से जुड़ी जानकारी पाने के बाद परिस्थितयाँ काफ़ी बदल गई हैं। ये ख़तरा भी काफ़ी हद तक टल गया है कि वे यहाँ (न्यूयॉर्क की अदालत में) न हों। मैं स्ट्रॉस कान को उनके अपने वादे पर रिहा करता हूँ। इस बीच इस मामले में अंतिम निर्णय पहुँचने की जल्दबाज़ी न करें."

डिस्ट्रिक्ट एटॉर्नी साइरस वैंस जूनियर का कहना था कि मामले की जाँच जारी रहेगी और आरोप लगान वाली महिला की विश्वसनीयता के बारे में जो चिंताएँ ज़ाहिर की गई हैं उनकी भी पड़ताल होगी।

मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 18 जुलाई की तिथि निश्चित की है।

 

Posted By: Inextlive