सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना ब्रांच में लॉकर्सधारकों को झटके लगने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा. वेडनसडे को दो और लॉकर से ज्वैलरी गायब होने के मामले सामने आए. दोनों ही मामलों में करीब 80 लाख रुपये के जेवर थे. सभी मामलों को जोड़ लिया जाए तो अब तक इसी ब्रांच के 9 लॉकरधारकों के साथ इसी तरह की वारदात हो चुकी है. कुल सवा तीन करोड़ के जेवर लॉकर्स से गायब हो चुके हैं. इतनी वारदातों के बाद भी बैंक किसी प्रकार की गलती या गड़बड़ी मानने को तैयार नहीं है. वहीं बुधवार को भी पीडि़तों ने बैंक में जमकर हंगामा किया जिसकी वजह से पुलिस बल बुलाना पड़ा.

कानपुर (ब्यूरो) 14 मार्च को सेंट्रल बैंक की कराचीखाना शाखा के लॉकर से जेवर गायब होने का पहला मामला सामने आया था। तब से कुल 9 मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को फीलखाना निवासी सीनियर सिटीजन सुशीला देवी अपना लॉकर चेक करने पहुंचीं। उनके पति सत्यनारायण शर्मा की मृत्यु हो चुकी है। तीन बेटे हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है। दोनों बहुओं और उनके जेवर संयुक्त रूप से करीब 70 लाख के जेवर बैंक लॉकर में रखे गए थे।

बिलख-बिलख कर रोए
बुधवार को सुशीला देवी जब लॉकर खोलने गईं तो चाबी नहीं लगी। इसके बाद शक बढ़ गया कि इस लॉकर से भी जेवर गायब हैं। बाद में जब लॉकर तोड़ा गया तो उनके पैरों से नीचे से जमीन खिसक गई। लॉकर में चांदी के चंद सामान छोड़कर सोने के सभी जेवरात गायब थे। इसके बाद तो उनकी हालत खराब हो गई। साथ आई बहू व बेटे भी ङ्क्षजदगी भर की जमा पूंजी इस तरह से चोरी होने से बिलख-बिलख कर रोने लगे। उनके मुताबिक लॉकर नहीं खुला तो बैंक अधिकारियों ने उन्हें बरगला कर वापस लौटाने की कोशिश की।

चाबी लगाते ही गिरे नट बोल्ट
वहीं बिधनू निवासी निर्मला सविता के पति इसी बैंक में कर्मचारी थे। इसीलिए उन्होंने अपना लॉकर कराचीखाना ब्रांच में खोला था। पति की मौत के बाद भी लॉकर यहीं था। निर्मला ने बताया कि वेडनसडे को वे लॉकर खोलने आईं तो ताला आराम से खुल गया, लेकिन कुछ नीचे गिरा। देखा तो ताले के नट बोल्ट नीचे पड़े थे। निर्मला के मुताबिक, लॉकर में रखा दस लाख का सोने का हार गायब था।

Posted By: Inextlive