राजा और वनवासी की वेशभूषा में श्री राम साथ में माता सीता लक्ष्मण और हनुमानजी का तिलक करते यूनिवर्सिटी के ऑफिसर यह नजारा था मंडे को सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में रामायण कान्क्लेव के पहले दिन मंडे को उद्घाटन के मौके पर निकली शोभायात्रा का. कैंपस के मंदिर से यूआईईटी लेक्चर हॉल तक शोभायात्रा मार्ग पर फूलों को बिछाकर भगवान का स्वागत किया गया. वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक और प्रति कुलपति प्रो वीसी प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने राम परिवार का तिलक किया. यात्रा मार्ग पर साथ में चल रहे लगभग 500 अधिकारियों और स्टूडेंट्स ने जय जय श्री राम के नारे लगाए. साथ मेें भगवान राम के भजनों के कैंपस का वातावरण राममय हो गया.


कानपुर (ब्यूरो) रामायण कॉन्क्लेव को सीएसजेएमयू, जिला प्रशासन और पर्यटन एवं संस्कृति डिपार्टमेंट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रोग्राम में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्यूनिकेशन और मानस संगम प्रमुख सहयोगी हैैं। चीफ गेस्ट और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विशिष्ट अतिथि स्वामी मिथिलेश नंदनी शरण और वीसी प्रो। पाठक ने शोभायात्रा के लेक्चर हाल पहुंचने पर दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। चीफ गेस्ट ने कहा कि रामायण और विश्व के सबसे बड़े चरित्र प्रभु श्रीराम के जीवन से विनम्रता, शीतलता, शिष्यों का अपने गुरु के प्रति समर्पण और परंपरा की सीख मिलती है। भारत 2047 तक विश्वगुरु बनेगा। इसके लिए युवाओं को अपनी संस्कृति को अपना कर आगे ले जाना होगा। यहां जागरण एजूकेशन फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ गुप्ता, मानस संगम के मुकुल तिवारी, डॉ। विशाल शमा, डॉ। नीरज कुमार सिंह, डॉ। रिचा मिश्रा और डॉ। ममता तिवारी आदि मौजूद रहे।


सिलेबस में शामिल हो रामायणयूआईईटी हॉल में हो रहे प्रोग्राम में जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ऑनलाइन जुड़े। कहा कि रामायण को सिलेबस में शामिल करा जाना चाहिए। कहा कि रामायण राष्ट्र की धरोहर है। गंगोत्री से गंगासागर तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक राम हर मानव के मन में हैं। रामायण से सीखें मनुष्यता की परिभाषा

स्वामी मिथिलेश नंदिनी ने युवाओं को बाल्मिकी रामायण से आत्मसात होने की बात कही। कहा कि रामायण ईश्वर का गुणगान करने वाला कोई शास्त्र नहीं है। इससे मनुष्यता की परिभाषा की सीख मिलती है। जब निकले सीता-राम तो लगे जयकारेप्रोग्राम में पूरे दिन राम-सीता स्वरूप, गायन, निबंध लेखन कॉम्पटीशन और देर शाम कल्चरल प्रोग्राम हुए। रामसीता स्वरूप कॉम्पटीशन में स्टूडेंट्स ने राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान की वेशभूषा में स्टेज पर वाक किया। तो हॉल का वातावरण ही अयोध्या जैसा लगने लगा। कॉन्क्लेव में रामायण गान, भजन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बाल्मिकी के राम विषय निबंध कंपटीशन भी हुआ।अयोध्या शोध संस्थान से हुआ एमओयूकॉन्क्लेव में सीएसजेएम यूनिवर्सिटी और अयोध्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग के बीच एमओयू साइन हुआ। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ। लवकुश द्विवेदी और वीसी प्रो विनय कुमार पाठक न एमओयू पर साइन किए। इस एमओयू के अंतर्गत यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को अयोध्या के इतिहास से अवगत कराया जाएगा।देर शाम कल्चरल इवेंट में मची धूम

देर शाम छह बजे यूआईईटी में हुए कल्चरल इवेंट में लोक संस्कृति की छवि देखने को मिली। यहां सिया के राम नृत्य नाटिका, रामायण डांस और लोक गायन समेत कई प्रोग्राम हुए। सुरेश कुशवाहा और मालवी जया ने राम कथा वाची। लोक संगीतकार उपमा ने गीतों से राम विवाह सुनाया।

Posted By: Inextlive