इसराइली सरकार ने अपने तीस हजार रिजर्विस्ट यानी जरूरत पड़ने पर तलब किए जाने वाले सैनिकों की सेना को बुलाए जाने को मंजूरी दे दी है.

इस तरह गजा पट्टी में जमीनी कार्रवाई शुरू होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसराइल के शहर तेल अवीव पर फलीस्तीनी चरमपंथियों के रॉकेट हमलों के बाद इस्राएल ने ये कदम उठाया है।

बुधवार को इसराइली हमलों में फलीस्तीनी चरमपंथी गुट हमास के सैन्य प्रमुख की मौत के बाद दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया है। पिछले 24 घंटों में गजा में इसराइली हमलों में बच्चों समेत कम से कम 18 फलस्तीनी मारे गए हैं। वहीं दक्षिणी इसराइल में हमास के रॉकेट हमलों में तीन इसराइलियों की जानें गई हैं।

बढ़ती तनातनीहमास ने कहा कि उसने गुरुवार रात तक गजा से 350 से ज्यादा रॉकेट दागे हैं जिनमें से 130 को इसराइल के अनुसार उसके मिसाइल रक्षा सिस्टम आयरन डॉम ने नाकाम कर दिया।

लेकिन इसराइल के तेल अवीव में मिसाइल खतरे के बारे में नागरिकों को चौकन्ना किया गया है। ये 1991 के बाद से पहला मौका है जब उन्हें ऐसी हिदायत दी गई है।

वहीं बीबीसी संवाददाता का कहना है कि गजा और उसके आसपास इसराइल के हमले जारी हैं और वहां कई धमाकों और मिसाइलें दागे जाने की खबरें हैं। खबरों में बताया गया है कि इसराइली सैनिकों को लेकर बसें और सैन्य साजोसामान से लदे ट्रक तटीय इलाके की तरफ जा रहे हैं।

इसराइली टीवी चैनलों का कहना है कि ये तैयारियां दिखाती हैं कि अतिक्रमण की योजना तैयार हो गई है, हालांकि सैन्य अफसरों का कहना है कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

कूटनीतिक सरगर्मियां तेजवहीं गजा में हमास के प्रधानमंत्री इस्माइल हानिए ने अपने क्षेत्र के खिलाफ इस्राइल के ‘क्रूर हमले’ की निंदा की है। मिस्र के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने भी गजा पर इसराइल की बमबारी की आलोचना की है। उनके मुताबकि इससे पूरे क्षेत्र की स्थिरता प्रभावित होगी।

मिस्र के प्रधानमंत्री हिशाम कांदिल शुक्रवार को फलीस्तीनियों के साथ एकजुटता जताने गजा पट्टी जाएंगे। शुक्रवार को इस मुद्दे पर मिस्र की राजधानी काहिरा में अरब लीग के विदेश मंत्रियों की बैठक भी हो सकती है।

इस बीच अमरीका ने मिस्र, तुर्की और कुछ यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे हमास पर इसराइल के खिलाफ हमले न करने के लिए दबाव डालें।

Posted By: Inextlive