विधायक की फरारी में मददगारों में उनकी चचेरी बहन उज्मा सोलंकी का भी हाथ होने का पुलिस को शक है. पुलिस ने मंगलवार शाम उज्मा को हिरासत में लिया था और महिला थाना लाकर पूछताछ की. रात भर थाने में पूछताछ होती रही. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बुधवार सुबह दस बजे उन्हें सशर्त रिहा कर दिया गया. ये स्पष्ट कर दिया गया है कि उज्मा को अभी क्लीन चिट नहीं दी गई है. पूछताछ के लिए उन्हें दोबारा बुलाया जाएगा.


कानपुर (ब्यूरो) वहीं नूरी सहित 4 आरोपियों को रिमांड पर लेने की पुलिस की मांग का उनके वकील अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के मामले में बिना जांच के न तो मुकदमा लिखा जाएगा और न गिरफ्तारी की जाएगी। जबकि इस मामले में प्रारंभिक जांच नहीं की गई है। तर्क दिया कि मुंबई से पकड़कर लाए गए अनवर और अख्तर मंसूरी विधायक के साले हैं लिहाजा पुलिस ने गलत तरीके से फंसा दिया है। नूरी शौकत की भी कोई भूमिका नहीं है। इसी आधार पर रिमांड खारिज करने और जमानत देने की मांग की। नूरी के ड्राइवर अंबार इलाही के अधिवक्ता सत्येंद्र अवस्थी को बेल देने की मांग करते हुए तर्क दिया कि अंबार ड्राइवर है, उसकी कोई सीधी भूमिका नहीं है। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी। चारो को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

Posted By: Inextlive