इंटरनेशनल ठग अरेस्ट
- अमेरिकी नागरिकों के साथ लोन के नाम पर कर रहे थे ठगी
- नोएडा में बैठे मास्टरमाइंड की जानकारी कर रही क्राइम ब्रांच - अमेरिकी नागरिकों के साथ लोन के नाम पर कर रहे थे ठगी - नोएडा में बैठे मास्टरमाइंड की जानकारी कर रही क्राइम ब्रांच kanpur@inext.co.in KANPUR kanpur@inext.co.in KANPUR : काकादेव के बाद क्राइम ब्रांच ने हंसपुरम नौबस्ता में अमेरिकी नागरिकों को होम और पर्सनल लोन के नाम पर ठगने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर की आड़ में ये लोग अमेरिकी नागरिकों को ठग रहे थे। पुलिस ने इनके पास से अमेरिकी नागरिकों का डाटा समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इस गिरोह के संचालक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं नोएडा में बैठे इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड के बारे में क्राइम ब्रांच जानकारी जुटा रही है। मोहिन्द्र से मिली थी जानकारीकाकादेव में मोहिन्द्र और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद क्त्राइम ब्रांच को हंसपुरम में चलने वाले इस कॉल सेंटर के बारे में जानकारी मिली थी। यहां पर छापेमारी की गई। मौके से हसंपुरम नौबस्ता निवासी रवि शुक्ला और आवास विकास हंसपुरम निवासी विशाल सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया। इनके कॉल सेंटर में तीन और लोग काम कर रहे थे। जिन्हें नौकरी के नाम पर रखा गया था। उनका इस पूरे मामले में कोई रोल न होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया।
कम ब्याज पर लोन का झांसा यह कॉल सेंटर आरोपी विकास के मामा के घर पर चल रहा था। अमेरिकी नागरिकों को अमेरिकी कंपनी बनकर होम लोन व पर्सनल लोन कम ब्याज दर में देने का झांसा दिया जाता था। कॉल करने के लिए वीओआईपी (वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल) का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए दो एप एक्सटेन और दूसरा एक्सलाइफ एप का इस्तेमाल किया जा रहा था। नम्बर डायल करने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्स्ट नाऊ सोनोटेल और साफ्ट फोन डायलर का प्रयोग किया जाता था। इसके माध्यम से फोन करके बात की जाती थी। जो इनके झांसे में आ गया उससे ख्00 डालर प्रोसेस फीस के रूप में ले लेते थे। इसके बाद उन्हें अमेरिकन कंपनियों के नाम पर तैयार फार्म भेज देते थे। जब लोग विश्वास में आ जाते तब उनसे लोन की चार पांच किश्ते एक साथ जमा करने पर ईएमआई पर जीरो ब्याज का झांसा देकर भ्00-म्00 डालर एक साथ जमा करा लेते थे। ख्.भ् लाख अमेरिकंस का डाटाआरोपी छह महीने से कॉल सेंटर चला रहे थे। इस दौरान इन्होंने ब्भ् अमेरिकी नागरिकों को अपना निशाना बनाया और उनसे 70 लाख रुपए की ठगी की। आरोपियों के पास पुलिस ने लैपटॉप और हार्डडिस्क बरामद की है। जिसमें ख्.भ् लाख अमेरिकी नागरिकों का डाटा मौजूद था। डाटा के बारे में पूछताछ करने पर आरोपियों ने उसे एक एजेंसी से खरीदे जाने की बात कही है। एजेंसी ने उन्हें प्रति सौ व्यक्ति ख्.भ् रुपए में डाटा बेचा था।
'' पकड़े गए आरोपियों का एक साझीदार नोएडा में भी है जो वहां से इनकी व्यवस्था देख रहा था। बाहर से आने वाला पैसा भी वही इनके खातों में ट्रांसफर करता था। आरोपियों के दो खाते हैं जिसमें ट्रांजेक्शन हुए हैं। इन खातों के अलावा नोएडा में मौजूद इनके साझीदार को भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.'' दीपक भूकर एडीसीपी क्राइम ख्00 - डालर प्रोसेस फीस के रूप में ले लेते थे म्00 डालर एक साथ जमा करा लेते थे ख्.भ् लाख अमेरिकी नागरिकों का डाटा मौजूद ब्भ् अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया 70 लाख रुपए की अब तक ठगी की