असर कर रही स्वदेशी कोवैक्सीन
- कोरोना वायरस से बचाने वाली स्वदेशी कोवैक्सीन के सेकेंड फेज ट्रायल की रिपोर्ट में मिली अच्छी खबर
-सभी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी के अच्छे खासे टाइटर दिखे, डीजीसीआई से मांगा इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल KANPUR@inext.co.in KANPUR: कोरोना वायरस से बचाने के लिए आईसीएमआर की मदद से स्वदेशी कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन के इमरजेंसी यूजेस अप्रूवल के लिए डीसीजीआई को आवेदन किया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से वैक्सीन के ट्रायल को लेकर सभी जरूरी जानकारियां सबमिट करने के लिए भी कहा गया है। कानपुर में इस वैक्सीन के फाइनल फेज के ट्रायल के लिए 1 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वहीं अब फेज-2 के वैक्सीनेशन ट्रॉयल के रिजल्ट्स को लेकर भी पूरी रिपोर्ट सामने आई है। जिसे कंपनी की ओर से डीसीजीआई में सबमिट किया जा चुका है। वायरस से बचाव में सक्षमरिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन लगने के बाद वॉलंटियर्स की एंटीबॉडी की जांच में उत्साहवर्धक नतीजे मिले हैं। सभी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी के अच्छे खासे टाइटर (गुच्छे) पाए गए हैं। जोकि काफी समय तक वायरस से बचाव करने में सक्षम है। वहीं अब फाइनल फेज के ट्रायल की रिपोर्ट भी एंटीबॉडी की जांच के बाद जल्द डीसीजीआई को जमा की जाएगी। जिसके आधार पर वैक्सीन के यूज को लेकर अनुमति मिलेगी।
दावा, कारगर है वैक्सीन कानपुर में कोवैक्सीन के ट्रायल के चीफ गाइड डॉ.जेएस कुशवाहा बताते हैं कि सेकेंड फेज के ट्रायल 42 वॉलंटियर्स पर सितंबर में किए गए थे। बाद में सभी की ब्लड की जांचें कराई गई। सभी में एंटीबॉडी मिली थी। शरीर में इस वैक्सीन के लगने के बाद 100 प्वाइंट्स से ऊपर एंटीबॉडी के टाइटर बने थे। इस आधार पर दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन लगने के बाद काफी समय तक वायरस से बचाव में कारगर हैं। अभी वैक्सीनेशन ट्रायल का चार महीने का डाटा सामने आया है। फाइनल फेज के ट्रायल में वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है। दूसरी डोज लगाने के 28 दिन के बाद सभी वॉलंटियर्स की एंटीबॉडी की फिर से जांच की जाएगी। फर्स्ट फेज ट्रायल- जुलाई में- 32 वॉलंटियर्स सेकेंड फेज ट्रायल - सितंबर में- 42 वॉलंटियर्स थर्ड फेज ट्रायल- दिसंबर में - 1,000 वॉलंटियर्ससेकेंड फेज के ट्रायल की रिपोर्ट सबमिट की जा चुकी है। वैक्सीन लगने के बाद एंटीबॉडी अच्छी खासी संख्या में बनी है। कानपुर में इस वैक्सीन के तीनों फेज के ट्रायल हुए हैं। फाइनल फेज की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
- डॉ.जेएस कुशवाहा, चीफ गाइड, कोवैक्सीन ट्रायल