भारत ने दुनिया को दी दशमलव प्रणाली, संख्या लिखना सिखाया
कानपुर (ब्यूरो)। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कालेज बेनाझावर में थर्सडे को साइंस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया। चीफ गेस्ट, आईआईटी कानपुर के रिटायर्ड प्रो। पदमश्री एचसी वर्मा ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जो जिम्मेदारी मिले उसे उत्कृष्ट से उत्कृष्ट करने के लिए परिश्रम करना, तैयारी करना और चिन्तन करना चाहिए। भारत की विश्व में विशिष्ट पहचान है, भारत ने विश्व को दशमलव प्रणाली दी। उन्होंने भारतीय गणितीय पद्धति को यूरोप की पद्धति से श्रेष्ठ बताया। बताया कि संख्याओं को लिखने की अनमोल विधि भारत की देन है।प्लास्टिक सर्जरी भारत ने दी
प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत से हुई थी। चीफ गेस्ट का परिचय फिजिक्स के लेक्चरर मनबोधन लाल दीक्षित ने कराया। प्रिंसिपल बृजमोहन कुमार सिंह ने प्रो। वर्मा को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया। वाइस प्रिंसिपल मंजूबाला श्रीवास्तव ने वेलकम किया। केमिस्ट्री के लेक्चरर अविनाश मेहरोत्रा ने आभार प्रदर्शन किया। इस मौके पर मैनेजमेंट के डॉ। हरिभाऊ खांडेकर, सोपान आश्रम के साइंस एक्टिविस्ट अमित कुमार बाजपेयी, योगेश कुमार झा, रणजीत कुमार, पंकज शुक्ल, अनिल कुमार और अमित आदि मौजूद रहे।
इन मॉडल्स ने मनवाया टैलेंट का लोहा
एग्जीबिशन में क्लास 9 के स्टूडेंट कीर्तिराज ने रोड एक्सीडेंट रोकने में कारगर स्मार्ट गैजेट, क्लास 6 के यशराज ने पाल्यूशन कम करने वाला ह्यूमिडिटी फायर, क्लास 9 के अर्पित गुप्ता ने ई-साइकिल की स्पीड व बैट्री के पावर सेव करने के लिए साइकिल इन्हेंसर बनाया। इनके अलावा क्लास 12 के मयंक ने लैण्डमाइन डिटेक्टिव रोबोट व यश शुक्ला ने कोल माइन में काम करने वालों के लिए स्मार्ट हेलमेट बनाया। क्लास 6 के अंशुमान पाल ने हाइड्रोलिक प्रेशर द्वारा विद्युत ऊर्जा को नियन्त्रित करने वाला यन्त्र, क्लास 9 के देवांश मिश्र ने एल्कोहल डिटेक्ट करके इंजन को कट आफ करने का प्रोजेक्ट बनाकर बाल वैज्ञानिक की प्रतिभा प्रदर्शित की।