असलहा लाइसेंस की दो हजार फाइलों में गड़बड़ी
- 15 हजार फाइलों की हुई जांच, दो हजार में डीएम के साइन मिले लेकिन स्वीकृत नहीं लिखा गया
- विकास दुबे सहित 173 लोगों की असलहा फाइलें गायब होने के बाद तेजी से जांच चल रहीKANPUR: असलहा लाइसेंस में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू हुई तो आशंका से कई गुना बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। बगैर डीएम या जिम्मेदार ऑफिसर्स के अनुमोदन के ही लाइसेंस जारी किए गए हैं। दुर्दात अपराधी विकास दुबे सहित 173 फाइलों लोगों की फाइलें गायब होने के बाद तेजी से जांच चल रही है। अब तक 15 हजार फाइलों की जांच में से लगभग दो हजार फाइलें ऐसी मिल हैं जिन पर डीएम या अन्य अफसरों के हस्ताक्षर तो हैं, लेकिन उस पर अनुमोदित या स्वीकृत शब्द नहीं लिखा है। फिलहाल इन फाइलों को अलग कर लिया गया है। अभी 26 हजार फाइलों की जांच होना बाकी है। अब इन फाइलों की जांच एसीएम चार की निगरानी में की जाएगी पहले यह कार्य एसीएम छह कर रही थीं, लेकिन उनका तबादला हो गया है।
विवादों के घेरे मेंलंबे समय से कलक्ट्रेट का असलहा अनुभाग विवादों के घेरे में रहा है। पहले ट्रैव¨लग लाइसेंस बनाने में खेल पकड़ में आया और एक क्लर्क को जेल जाना पड़ा। बाद में 90 से अधिक लाइसेंस की फाइलों पर डीएम के हस्ताक्षर गड़बड़ मिले। इस मामले में भी क्लर्क और उसके कारीगर को जेल जाना पड़ा। इसके बाद फर्जी तरीके से लाइसेंसों के रिन्यूवल का मामला पकड़ में आया है। इस मामले में फर्जी रिन्यूवल बुक तक पकड़ी गई थी। यह मामला शान्त नहीं हुआ था कि बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे व उसके करीबियों के असलहों को लेकर जांच शुरू हुई। लेकिन जांच में दुर्दान्त अपराधी के असलहा लाइसेंस की फाइलें ही नहीं मिली।
हर फाइल का होगा सत्यापनविकास दुबे समेत 173 लोगों की फाइल गायब है। असलाह लाइसेंसों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका के बाद प्रत्येक फाइल का सत्यापन करने का फैसला लिया गया। सत्यापन में एक के बाद एक गड़बड़ी सामने आ रही है। जांच से जुड़े एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब तक 15 हजार फाइलों में से करीब दो हजार फाइलें गड़बड़ मिली हैं। इनमें डीएम, एडीएम के हस्ताक्षर तो हैं पर अनुमोदित या स्वीकृत शब्द नहीं है। ऐसा क्यों है इसकी पड़ताल अलग से होगी? जबकि इससे डेढ़ गुना से अधिक फाइलों का सत्यापन होना बाकी है।