शहर में अवैध कोचिंग का साम्राज्य
कानपुर (ब्यूरो) यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा अधिकारी का कार्यालय है। वहां शहर की कोचिंग का रजिस्ट्रेशन होता है। यह रजिस्ट्रेशन हर तीन साल में रिन्यूअल कराना होता है। उसकी सरकारी फीस निर्धारित है। प्रति सौ बच्चे 10000 रुपए तीन वर्ष का रजिस्ट्रेशन शुल्क है। रजिस्टे्रशन न कराने वाली कोचिंग वैद्य नहीं हैं। वहीं जिन कोचिंग संचालकों ने रजिस्ट्रेशन कराया भी है वो बच्चों की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं। बच्चों की संख्या हजारों में हैं लेकिन दिखाई सैकड़ों में गई है। ऐसा नहीं है कि अफसरों को इसकी जानकारी नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता।
यहां हैं सर्वाधिक कोचिंगकाकादेव, कल्याणपुर, स्वरूप नगर, बर्रा, गोविंद नगर, किदवई, नौबस्ता, श्याम नगर, रावतपुर, सिविल लाइंस, परेड आदि क्षेत्रों में कोचिंग संचालित हो रही हैं।
कर्मचारियों की मिली भगत
विभागीय सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा खेल चलता है। हर कोचिंग से 10 हजार से 25 हजार रुपये प्रति तीन साल का शुल्क है लेकिन रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से कोचिंग संचालक यह शुल्क नहीं देते हैं। किसी तरह की कार्रवाई न हो इसलिए कोचिंग संचालक विभाग के कर्मचारियों से साठगांठ रखते हैं। इन कर्मचारियों की जेब गर्म रहती है तो ये शांति से बैठ जाते हैं। वहीं सरकार के अगले कदम की जानकारी भी देते रहते हैं।
काकादेव, कल्याणपुर, बर्रा, स्वरूप नगर, परेड सहित अन्य एरिया में इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंकिंग, सीए, मैनेजमेंट आदि की सैकड़ों कोचिंग चल रही हैं। जहां 500 तक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन में स्टूडेंट्स की संख्या 100 दिखाकर कोरम पूरा किया गया है। जबकि फीस के नाम पर स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूली जा रही है। फीस स्ट्रक्चर प्रति तीन वर्ष
50 स्टूडेंट्स पर 5000 रुपये
100 स्टूडेंट्स पर 10000 रुपये
100 से अधिकतम पर 25000 रुपये