पद्मश्री सुधा मूर्ति को IIT देगा डाॅक्टरेट की उपाधि, इंफोसिस शुरू करने के लिए पति नाराणमूर्ति को दिए थे 10 हजार
KANPUR: पद्मश्री सुधा मूर्ति को थर्सडे को आईआईटी में डॉक्ट्रेट की उपाधि प्रदान की जाएगी। ये वही सुधा मूर्ति हैं जिन्होंने इंफोसिस की शुरुआत करने के लिए पति को अपनी बचत से 10 हजार रुपए दिए थे। वह टेल्को (अब टाटा मोटर्स) की पहली महिला इंजीनियर रह चुकी हैं। उस वक्त टेल्को में महिलाओं को जॉब नहीं मिलती थी, सुधा मूर्ति ने टेल्को के चेयरमैन को लेटर लिख कर यह जॉब हाि1सल की थी।
पुणे में हुई नारायण से मुलाकातपद्म श्री सुधा मूर्ति ने बीबीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी की गोल्ड मेडलिस्ट रहीं हैं। इसके बाद कम्प्यूटर साइंस में एमई में आईआईएससी बंगलौर से डिग्री हासिल की। टेल्को में पुणे, मुंबई व जमशेदपुर में डेवलपमेंट इंजीनियर के तौर पर जॉब किया है। सुधा मूर्ति ने इयर 1996 में इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की थी। इयर 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला। पुणे में जॉब के दौरान ही उनकी मुलाकात इंफोसिस के फाउंडर चेयरमैन आईआईटी कानपुर के पास आउट नारायण मूर्ति से हुई थी। जिसके बाद दोनों की मैरिज हुई। इंफोसिस की शुरुआत 1981 में मिल कर की और अपनी बचत का 10 हजार रुपए भी लगाया।
- इंफोसिस की शुरूआत 1981 में हुई- इंफोसिस में आज 2,25501 कर्मचारी हैं- अब कंपनी करीब 79831 करोड़ की है
- देश की जीडीपी में 8.36 परसेंट का योगदान