अगर विदेश जाना है तो पहले बनवा लीजिए इंडियन एकामा, यह सर्टिफिकेट है बेहद जरूरी
कानपुर(ब्यूरो)। अगर आप नौकरी, पढ़ाई, घूमने या व्यापार के सिलसिले में विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं। पासपोर्ट बन चुका है और वीजा लेने जा रहे हैं तो &इंडियन एकामा&य के लिए भी आवेदन कर दीजिए। विदेश जाने वालों के लिए सरकार ने जरूरी दस्तावेजों के साथ एक दस्तावेज और जोड़ दिया है। विदेश जाने वाले हर व्यक्ति के लिए पीसीसी यानि पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगी। इस पीसीसी को &इंडियन एकामा&य कहा जाएगा। वहीं जो इंडियंस या उनके रिश्तेदार विदेश में रह रहे हैं, वे लोग भी विभाग से संपर्क कर अपने परिवार वालों के &इंडियन एकामा&य के लिए आवेदन कर सकते हैं। ये व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन शुरू कर दी गई है।
कैसे कर सकते आवेदन
पुलिस कमिश्नरेट ऑफिस में डीसीपी हेडक्वार्टर के ऑफिस में &इंडियन एकामा&य के लिए एक डेस्क बनाई गई है। जिसमें आपको एक प्रिंटेड फार्म मिलेगा। ये फार्म ऑनलाइन यूपी कॉप एप पर भी उपलब्ध है। दोनों फार्मों में एक ही तरह की जानकारी भरनी पड़ती हैं। जिसमें आपको अपनी पर्सनल डिटेल के साथ बताना होगा, किस देश, कब और क्यों जा रहे हैं। इसके बाद इसकी जांच शुरू होती है। 10 तय बिंदुओं पर तीन ऑफिस से जांच होगी। टोटल प्रोसेस 15 दिन का होगा। इसके बाद आपको विदेश जाने के लिए पुलिस क्लियरेंस सार्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
क्यों पड़ी इसकी जरूरत
पुलिस अधिकारियों की मानें तो इन दिनों ह्यूमन ट्रैफिकिंग जोरों पर है। लोग धोखा देकर महिलाओं और पुरुषों को विदेश भेज देते हैं और वहां उनसे असामाजिक काम कराया जाता है। इसके लिए फर्जी दस्तावेज का सहारा लिया जाता है। जिसके बाद उनका देश लौटना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अधिकारियों की माने तो केंद्र सरकार की तरफ से विदेश नीति में कुछ परिवर्तन किया गया था, जिसकी वजह से सरकार ने ये सूचना जारी की है। &इंडियन एकामा&य में पुलिस का गैजेटेड ऑफिस संबंधित व्यक्ति से मिलकर उसका हलफिया बयान लेगा कि जिस काम के लिए उसने फार्म भरा है, वह उसी में जा रहा है। इसके अलावा अगर कोई दूसरा काम विदेश में करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दूसरे देश में होगी परेशानी
नौकर के सिलसिले में शहर से सबसे ज्यादा लोग खाड़ी देश बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात जाते हैं। यदि बिना पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट लिए खाड़ी देश गए तो वहां कानूनी तौर पर फंस सकते हैं। इस प्रमाणपत्र की अनिवार्यता के बाद से ऑनलाइन आवेदनों की संख्या बढ़ गई है। जीटी रोड स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में 15 जून से 15 जुलाई तक 3227 ऑनलाइन आवेदन पहुंचे हैं। वहीं पुलिस ऑफिस में भी एक महीने में 2000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। आवेदनों के निस्तारण के लिए शनिवार को अवकाश के दिन पासपोर्ट सेवा केंद्र पर हजारों की संख्या में आवेदक दिखाई दिए।
खाड़ी देशों की सरकारों ने अपने देश को अपराध मुक्त बनाए रखने के लिए भारत सहित विश्व के सभी देशों के लिए 2023 से पीसीसी अनिवार्य कर दिया है। इससे दोनों देश ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि केवल कानून का पालन करने वाले आदर्श नागरिक ही रोजगार के लिए आएं। पीसीसी की अनिवार्यता होने की वजह से ही आवेदनों में इजाफा हुआ है। पासपोर्ट सेवा केंद्र पर स्लाट की कमी होने की वजह से आवेदन करने के बाद 11 दिन में आवेदक को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जा रहा है। वहीं पुलिस ऑफिस में ये समय 15 दिन का दिया गया है।
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट क्या है?
पीसीसी यानी पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट एक तरह की एनओसी है, इसमें पूरी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है जो एक पासपोर्ट बनाने के समय होती है। इसे पाने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होता है। पुलिस आवेदक के क्रिमिनल डिटेल्स का वेरीफिकेशन करके ऑनलाइन या ऑफलाइन रिपोर्ट जमा कराती है। पुलिस की अनापत्ति के बाद ही पीएसके पीसीसी जारी करता है। यह सर्टिफिकेट छह माह के अंदर दूतावास में जमा कराना होता है।
- कनिष्क शर्मा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी.
पुलिस क्लियरेंस सार्टिफिकेट डेस्क सीनियर ऑफिसर्स के आदेश के बाद खोली गई है। लोगों को असुविधा न हो, इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। लोगों की संख्या देखते हुए स्टाफ को भी बढ़ाया जाएगा।
तेज स्वरूप सिंह, डीसीपी हेडक्वार्टर कानपुर कमिश्नरेट
आवेदक को क्या करना होगा
-डीसीपी हेडक्वार्टर के ऑफिस में बनाई गई है डेस्क
-पीसीसी के लिए यहां से एक प्रिंटेड फार्म मिलेगा।
- ये फार्म ऑनलाइन यूपी कॉप एप पर भी उपलब्ध
- दोनों फार्मों में एक ही तरह की जानकारी भरनी पड़ती हैं
- फार्म में आपको सभी जरूरी जानकारी फिल करनी होंगी
- बताना होगा किस उद्देश्य से कितने समय के लिए जा रहे
- इसके बाद 10 तय बिंदुओं पर तीन ऑफिस से जांच होगी
- सब सही रहा तो 15 दिन में पीसीसी जारी कर दिया जाएगा