गंगा में लगाई छलांग तो करना होगा कम से कम 36 घंटे इंतजार
कानपुर (ब्यूरो) परिवार की सामूहिक हत्या करने वाले डॉक्टर सुशील का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। वह जीवित हैं या उन्होंने आत्महत्या कर ली है, इसका अभी तक कोई प्रमाण पुलिस के पास मौजूद नहीं है। मगर जिस तरह से डॉक्टर ने घर में छोड़े गए नोट््स में आत्महत्या करने की बात लिखी है और उसका आखिरी लोकेशन गंगा किनारे अटल घाट से सरसैया घाट के बीच मिला है, उससे यही आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने गंगा में कूदकर जान दे दी होगी। इस आशंका के चलते पुलिस ने सैटरडे को सर्च ऑपरेशन चलाया था। संडे को भी मोटर बोट पर पुलिस ने अटल घाट से शुक्लागंज तक तलाश की। हालांकि पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला।
ठंड के मौसम में 48 घंटे बाद
डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि ठंड के दिनों में अगर कोई भारी भरकम वजन का व्यक्ति गंगा में डूबता है तो पहले शरीर गंगा की तलहटी में जाकर ठहर जाएगा। तलहटी में बहाव का कोई विशेष असर नहीं पड़ता है। कम से कम 36 घंटे बीत जाने के बाद शव पानी में उतराने लगता है। अधिक वजन होने पर यह समय 48 घंटे तक हो सकता है। गोताखोरों ने ऐसे में पुलिस को कुछ इंतजार करने कहा है।