कहीं कस्टोडियल डेथ तो कहीं जुआ लूटना. कहीं क्रिमिनल्स के साथ फोटो वायरल होना तो कहीं क्रिमिनल्स से दोस्ती. कहीं लॉ एंड ऑर्डर में लापरवाही तो कहीं धमकी देकर वसूली करने की वजह से खाकी के दामन पर दाग पर दाग लग रहे हैं. इसके बाद आपा खोने की वजह से लगातार पुलिस कर्मियों के सरकारी वेपन से खुद को गोली मारकर जान देने की बात सामने आ रही है. हालांकि जान देने की तमाम वजह सामने आई हैैं. जिनमें छुट्टïी न देना परिवार या विभाग की वजह से तनाव में रहना और अविवाहित पुलिस कर्मियों में प्रेमी के मना करने की वजह सामने आई है. इसकी वजह से कहीं न कहीं विभाग और प्रदेश सरकार का सिर नीचा हो रहा है. जिसकी वजह से पुलिस पर प्रतिबंध लगाया गया है.


कानपुर (ब्यूरो) फेस्टिवल सीजन शुरू हो रहा है। कमिश्नरेट में 52 थाने और 218 पुलिस चौकियां हैैं। एक थाना क्षेत्र में 10-12 होली रखी जानी हैैं। किसी तरह का विवाद न हो, इसके लिए पुलिस की तैनाती करनी है। बोर्ड एग्जाम भी चल रहे हैैं। जनवरी और फरवरी में 57 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है। जबकि 31 पुलिस कर्मी गैरहाजिर चल रहे हैैं। बोर्ड के सेंटर्स, पेपर और कॉपियों की सुरक्षा में भी पुलिस कर्मी तैनात हैैं। कानपुर हाईपर सेंसिटिव जिला है। शब-ए-बरात भी होली के दिन ही है। लिहाजा पुलिस कर्मियों की छुट्टिïयों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कमिश्नरेट में गंगा मेला तक पुलिस के अवकाश बंद हैैं।2: सादी वर्दी में नहीं डालने जाएंगे दबिश


कुछ दिन पहले ही पुलिस कर्मियों ने सचेंडी में सादी वर्दी में प्लाईवुड कारोबारी को लूट लिया था। होली में लोग जुआ खेलते हैैं। सादी वर्दी में पुलिस दबिश देकर जुआ लूट लेती हैैं। वहीं भागने के दौरान किसी जुआरी की ऊंचाई से गिरने तो किसी की भागने में गिरने की वजह से हार्ट अटैक होने से जान चली जाती है। इस लिए ये स्पष्ट आदेश दिया गया है कि किसी भी हालत में पुलिस कर्मी सादी वर्दी में रेड पर नहीं जाएंगे बल्कि पूरी वर्दी में जाएंगे और थाने की जीडी में आमद कराने के साथ ही सीनियर ऑफिसर्स को भी जानकारी देंगे।3: पूरी रिकॉर्डिंग की जाएगीआमतौर पर देखा जा रहा है कि थाने में बयान देने के बाद कोर्ट में बयान के दौरान आरोपी कहता है कि उसने थाने में बयान पुलिस के दबाव में दिए थे। इससे पुलिस की किरकिरी तो होती ही है साथ ही कोर्ट का समय भी खराब होता है, जिससे शासन कि सिर नीचा होता है। विपक्ष को खिंचाई करने का मौका मिलता है। लिहाजा मुख्यालय से निर्देश जारी किया गया है कि थानों में सर्विलांस युक्त इनवेस्टिगेशन रूम बनाएं, जहां बावर्दी दुरुस्त पुलिस कर्मी बयान दर्ज करें। इस दौरान ये ध्यान रखा जाए कि जिससे पूछताछ कर रहे हैैं, उसे ये पता रहे कि कौन उससे पूछताछ कर रहा है।4 : वेपंस को केवल ऑन ड्यूटी करें इस्तेमाल

सरकारी वेपन ड्यूटी के दौरान क्रिमिनल्स को धमकाकर उनको पकडऩे के लिए है, लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के दौरान लोगों पर दबाव बनाने के लिए है न कि जान देने के लिए। यूपी के तमाम जिलों में सरकारी वेपन से जान देने की बात सामने आ चुकी है। जिसकी वजह से ये निर्देश जारी किया गया है कि जीडी में ड्यूटी रवानगी दर्ज कराने के बाद ही वेपन साथ में रहेगा यानी केवल ऑन ड्यूटी ही वेपन अपने साथ रख सकेंगे। ड्यूटी ऑफ करके जाते समय वेपन थाने की ऑर्मरी में ही रहेगा। इसकी जिम्मेदारी मालखाना मुंशी को सौंपी गई है।5 : थाने में आने वाले हर व्यक्ति को मिले उसका हकसीनियर ऑफिसर्स को निर्देश जारी किए गए हैैं वे वार्षिक निरीक्षण के दौरान शिकायत करने आने वालों को मिलने वाली सुविधाओं को भी चेक करें। व्यवस्थाएं न होने या कमजोर होने पर उनका प्रॉपर इंतजाम करें। जिससे थाने आने वाले हर व्यक्ति को उनका हक मिल सके। पीने के लिए साफ पानी, साफ टॉयलेट, बैठने के लिए छाया में कुर्सियां और शिकायत सुनने के लिए एक महिला सब इंस्पेक्टर और एक पुरुष सब इंस्पेक्टर मौैजूद रहे। शिकायत की कॉपी लेकर उसे रिसीविंग भी दी जाए।

शासन की तरफ से पुलिस पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैैं। जिनकी जानकारी पुलिस लाइन, सभी थाने और कमिश्नरेट में तैनात सभी पुलिस अधिकारियों को दे दी गई है। पीआरवी और गश्ती दलों को भी इसके संबंध में जानकारी दी गई है।बीपी जोगदंड, सीपी कानपुर कमिश्नरेट

Posted By: Inextlive