ऑनलाइन या एजेंट से खाता खुलवा रहे हैं तो सावधान.!
- फ्रॉड गैंग्स को बेचा जा रहा कस्टमर्स का डाटा, पूरी डिटेल कस्टमर की और फोन नंबर गैंग के शातिरों का करते हैं यूज
-खाते की हर जानकारी शातिरों तक पहुंचती रहती, मौका देखकर एकाउंट से उड़ा देते हैं रकम, कस्टमर को पता भी नहीं चलताkanpur : अगर आपको ऑनलाइन लेन-देन के लिए बैंक एकाउंट खुलवाने, ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा देने वाले किसी प्लेटफॉर्म पर एकाउंट खुलवाने के लिए कोई मोटीवेट कर रहा है तो सावधान हो जाइए। थोड़ी क्वैरी खुद भी कर लीजिए। कम से कम उस शख्स का डिटेल अपने पास जरूर रखिये, जो खाता खुलवाने के लिए आपसे कांटेक्ट कर रहा हो। क्योंकि इन्हीं एजेंट्स में फ्रॉड गैंग के लोग भी शामिल हैं। ये पूरा डिटेल तो आपका यूज करते हैं लेकिन एकाउंट के साथ लिंक फोन नंबर जामताड़ा में बैठे अपने गैंग के मेंबर्स का यूज करते हैं। जिससे आपके खाते की हर जानकी इनके पास पहुंचती रहती है। इसी के बाद शुरू होता है फ्रॉड। आपके खाते से पैसे निकलते रहते हैं और आपको पता भी नहीं चलता।
क्राइम ब्रांच को मिली जानकारीदरअसल कुछ दिन पहले ही क्राइम ब्रांच ने बीमाधारकों से किस्त में छूट का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पकड़े गए शातिरों के लैपटॉप से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों का डाटा मिला है। जिसके बाद से टीम के राडार पर शहर में मौजूद सैकड़ों एजेंट हैं। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो इन एजेंटों से संपर्क करने पर ज्यादातर के मोबाइल स्विच ऑफ आ रहे हैं। ये एजेंट लोगों का बीमा करने के साथ बैंकों में गलत तरीके से खाता भी खुलवाते थे। एकाउंट खुलवाने वाले को कमीशन के तौर पर पांच हजार रुपये मिलते हैं। इसके बाद एकाउंट से कोई ट्रांजेक्शन होने पर बोनस अलग मिलता है। पीडि़त बर्रा निवासी अमित कुमार ने बताया कि उसे खाता खुलवाने के लिए जाना भी नहीं पड़ा था। एजेंट पूरी जानकारी के साथ आधार कार्ड और जरूरी डिटेल भी ले गया था।
बेहद सफाई से देते अंजाम मामले में जांच कर रही क्राइम ब्रांच के मुताबिक ग्वालटोली निवासी शंकर के बैंक अकाउंट से 70 हजार और उनकी पत्नी का खाते से 40 हजार रुपये निकल गए। उन्हें जानकारी तब हो सकी जब वे एफडी बनवाने के लिए बैंक पहुंचे। पुलिस के मुताबिक शातिर इतने शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम देते हैं कि अकाउंट होल्डर को भनक तक नहीं लग पाती। इतना जरूर ध्यान दें- कोई प्राइवेट आदमी एकाउंट खोलने के लिए एजेंट बनकर आपसे मिलता है, तो उसका पूरा डिटेल जरूर लें।
- ऐसे लोगों के टारगेट बुजुर्ग या कम पढ़े-लिखे लोग होते हैं, जो किसी को भी आधार, पैन या एड्रेस प्रूफ दे देते हैं। - खुद जाकर बैंक में चेक करें कि आपका खाता खोला गया है या नहीं। सिर्फ एजेंट की जानकारी पर डिपेंड न रहें। -एकाउंट खोलने के फार्म पर साइन कर दिया तो ये जरूर देख लें कि उस पर आपका ही मोबाइल नंबर मेंशन है। -किसी दूसरे का मोबाइल नंबर लिखा हो तो खाता न खुलवाएं, ऐसा न करने पर बिना कुछ किए भी आप गुनाहगार बन सकते हैं। बरतें सावधानी - किसी भी अननोन नंबर से आने वाली कॉल पर बैंक का कोई डिटेल न दें। - मोबाइल पर आने वाले एकाउंट ब्लॉक के मैसेज को ब्रांच जाकर चेक करें। - मैसेज लिंक पर क्लिक करके कोई रेस्पांस न करें। ओटीपी किसी को न बताएं। - ध्यान रखें बैंक की तरफ से आपको कोई कॉल ओटीपी मांगने के लिए नहीं जाती। - फ्रॉड होने का शक भी है तो फौरन बैंक के साथ पुलिस में शिकायत जरूर करें।खाता खुलवाते समय सावधानी रखें। फ्रॉड करने वाले लगातार लोगों की छोटी सी गलती का इंतजार करते हैं, कई लोगों की जानकारी मिली है, टीम काम कर रही है। जल्द ही बड़ी सफलता मिलेगी।
सलमान ताज पाटिल, डीसीपी क्राइम