करेक्टर खराब तो छिनेगा चौका का चार्ज
कानपुर (ब्यूरो) खाकी के दामन में अक्सर बदसलूकी, वसूली, चोरी, रिश्वत ओर एक तरफा कार्रवाई के दाग तो लगते रहते हैं। सिपाही दारोगा अपनी हरकतों से पुलिस की साख पर बट्टा लगाने का काम भी करते हैं। जिससे विभागीय अधिकारियों की किरकिरी होती है। इसकी रोकथाम के लिए कमिश्नरेट के अधिकारियों ने दागी पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार पदों पर तैनाती न देने का निर्णय लिया है। दक्षिण जोन के डीसीपी ने नशेबाज और ज्यादा शिकायतों वाले नौ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया था। उसके बाद पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने चौकी प्रभारी नियुक्त करने के मानक तय किए थे।
ये हैैं स्थापना बोर्ड के नियम
नियमों के तहत चौकी प्रभारी कम से कम एक साल तक चौकी पर तैनात रहेंगे। उन्हें हटाने का फैसला जोन में गठित स्थापना बोर्ड करेगा। समय से पहले हटाने पर ठोस कारण बताना होगा। छह माह तक दोबारा तैनाती नहीं होगी। इतना ही नहीं यह भी तय किया गया था कि नियुक्त किए जाने वाले दारोगा की बीते तीन सालों में सत्यनिष्ठा से संबंधित प्रमाण पत्र न रोका गया हो और एक साल में गंभीर दंड और प्रतिकूल प्रविष्ट न गी गई हो। चौकियों में तैनात दारोगाओं की जांच इन्हीं मानकों पर शुरू कर दी गई है। कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है। जांच पूरी होने पर दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करके कार्रवाई की जाएगी।
- प्रमोद कुमार डीसीपी साउथ इन मानकों पर होगी तैनाती
-चौकी प्रभारी कम से कम एक साल तक तैनात रहेंगे।
-उन्हें हटाने का फैसला जोन में गठित स्थापना बोर्ड करेगा
-समय से पहले हटाने पर ठोस कारण बताना होगा
-छह माह तक दोबारा चौकी में तैनाती नहीं दी जाएगी
-तीन सालों में सत्यनिष्ठा से संबंधित प्रमाण पत्र न रोका गया
-एक साल में गंभीर दंड और प्रतिकूल प्रविष्ट न दी गई हो।