'टीचर्स संक्रमित हो गए तो कौन जिम्मेदार'
टीचर्स की पहले मतदान में लगा दी ड्यूटी, अब काउंटिंग की ड्यूटी में भी नाम
- प्राइमरी एजुकेशन के टीचर्स को डरा रहा कोरोना की चपेट में आने का खतरा KANPUR: पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले काफी टीचर्स बाद में बीमार हो गए। कुछ कोरोना वायरस की चपेट में भी आ गए। एक-एक कमरे में जुटी भीड़ को मैनेज नहीं किया गया इससे कोविड प्रोटोकाल की कई जगह वोटिंग वाले दिन धज्जियां उड़ीं। अब, जब वोटों की काउंटिंग में फिर से उन टीचर्स की ड्यूटी लग गई है तो उनका कहना है कि उनका दिल घबरा रहा है। जिस समय इलेक्शन थे, तभी कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा था। टीचर्स का कहना है कि मौजूदा समय में तो हालात बेहद खराब हैं। न तो अस्पतालों में बेड मिल रहा है, न ऑक्सीजन। अगर कहीं कोरोना संक्रमित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा।तबसे बुखार आ रहा
टीचर्स को इस समय कोरोना का साया बहुत अधिक डरा भी रहा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय तरीपाठकपुर में सहायक अध्यापक अनुग्रह त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने जब पंचायत चुनाव की ड्यूटी की, तबसे बुखार आ रहा है। बावजूद इसके मतगणना की ड्यूटी संबंधी आदेश जारी हो गए। इसी तरह जीपीजी विद्यालय किदवई नगर में सहा। अध्यापक मोहित तिवारी ने बताया कि घर पर माता-पिता व पत्नी बीमार हैं। सभी का कोविड टेस्ट कराया है। फिर भी मतगणना में ड्यूटी लग गई। बोले समझ नहीं आ रहा कि क्या करें।
बेसिक के 2500, माध्यमिक के 1000 पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के जहां 2500 से अधिक शिक्षकों को लगाया गया है, वहीं माध्यमिक के 1000 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है। इनमें से अधिकतर शिक्षक वही हैं, जिनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव कराने में भी लग चुकी है। शिक्षकों ने बताई समस्याएं - घबराहट और बैचेनी के चलते बीपी लो हो जा रहा है - बुखार, जुकाम और खांसी से पीडि़त हैं - एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव है - परिवार में माता-पिता व पत्नी बीमार हैं शिक्षकों की समस्याओं को सुनने के लिए सीडीओ सर के कार्यालय में बीएसए व अन्य अफसरों की टीम बैठी है। जिन्हें अपनी बात बतानी है, वह बता सकते हैं। - सतीश तिवारी, डीआईओएस