एंबुलेंस नहीं मिली तो हैलट के सामने ई-रिक्शा में हो गई डिलीवरी
कानपुर (ब्यूरो) कल्याणपुर के बारासिरोही निवासी अरङ्क्षवद की 22 वर्षीय पत्नी किरन गर्भवती थी। उनके पति के मुताबिक सीएचसी में ही इलाज चल रहा था। मंडे सुबह प्रसव पीड़ा होने पर उसे लेकर सीएचसी आए थे। डाक्टर ने भर्ती करने के बजाय हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उनका आरोप है कि अस्पताल में एंबुलेंस थी, लेकिन उससे नहीं भेजा। ऐसे में ई-रिक्शा का इंतजाम करके हैलट अस्पताल के लिए चल दिए। पत्नी दर्द से बेहाल थी। बाल रोग विभाग में भर्ती कराया
उसे किसी तरह हैलट की इमरजेंसी लेकर पहुंचे थे,जहां उसे प्रसव हो गया। इसकी जानकारी इमरजेंसी के पीआरओ संजय शर्मा और दिनेश भट्ट को हुई। उन्होंने कर्मचारियों को पर्दा से ई-रिक्शा समेत महिला को घेरने का निर्देश दिया। साथ ही ईएमओ डा। आरएस ङ्क्षसह को बताया। उन्होंने जूनियर रेजीडेंट, सिस्टर व नर्स उसे मैनेज किया और नवजात की नाल कटाई। ई-एंबुलेंस से प्रसूता को जच्चा बच्चा अस्पताल और नवजात को बाल रोग के सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट में भर्ती कराया।
महिला ओपीडी में सुबह 10 बजे आई थी। उसका हीमाग्लोबिन 5.9 था। उसे चेकअप के लिए जब तक ओटी से नर्स आती और एंबुलेंस से भेजा जाता, उससे पहले ही चली गई। उसने एक दिन पहले हैलट के जच्चा-बच्चा अस्पताल में दिखाया था। वह रेफर लेने के लिए ही आई थी। - डा। अविनाश यादव, अधीक्षक, सीएचसी कल्याणपुर