सानिया: मैं महेश के साथ खेलना चाहूंगी
हालांकि ओलंपिक में मिश्रित युगल मुकाबले के लिए सानिया और महेश भूपति की जोड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करने उतरेगी या फिर सानिया और लिएंडर पेस की जोड़ी बनेगी ये तय नहीं है। लेकिन सानिया ने अपनी पसंद साफ जाहिर कर दी है।
उन्होंने बीबीसी के साथ खास बातचीत में कहा, "मैं तो महेश के साथ जोड़ी बनाना पसंद करूंगी। हम दोनों अच्छा खेल रहे हैं। और अगर साथ में उतरे तो लंदन ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतने के अवसर बेहद बढ़ जाएंगे."हालांकि सानिया ने अब तक लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं किया है, लेकिन भारतीय टेनिस फेडरेशन उनके वाइल्ड कार्ड के जरिए प्रवेश की कोशिशें कर रहा है। सानिया ने कहा कि वो और महेश अगर फॉर्म में हों तो विपक्षियों के लिए बेहद खतरनाक जोड़ी साबित हो सकते हैं।फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स में कामयाबी के बाद अब सानिया ग्रास कोर्ट सीज़न के लिए इंग्लैंड में हैं। यहां वो साल के अगले ग्रैंड स्लैम विंबल्डन की तैयारियों में व्यस्त हैं। विंबल्डन 25 जून से शुरू हो रहा है।
इस साल का फ्रेंच ओपन सानिया का युगल मुकाबलों में दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। इससे पहले उन्होंने महेश भूपति के साथ मिलकर ही 2009 का ऑस्ट्रेलियाई ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता था।
सानिया ने कहा, "फ्रेंच ओपन जीतकर मैं इसलिए भी बेहद खुश हूं क्योंकि ये मेरा सबसे कम पसंदीदा कोर्ट है। मैं हार्ड कोर्ट में खेलना ज्यादा पसंद करती हूं। फ्रेंच ओपन का क्ले कोर्ट मुझे उतना रास नहीं आता."सानिया ने कहा कि वो और महेश एक दूसरे को 10 सालों से भी ज्यादा समय से जानते हैं और उनकी दोस्ती, कोर्ट पर उन्हें बेहतर खेलने में मदद करती है। बातचीत के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि लगातार चोटों की वजह से टेनिस में उनके प्रदर्शन पर विपरीत प्रभाव पड़ा।सानिया ने कहा, "पांच सालों के दौरान मेरी तीन सर्जरी हुईं। साल 2010 में मेरी कलाई की सर्जरी के बाद तो मुझे लगा कि मेरा टेनिस करियर खत्म हो गया है। लेकिन खुदा का शुक्र है कि मैं अपने परिवार के सहयोग से और सपोर्ट स्टाफ की मदद से वापसी कर पाने में कामयाब रही."सानिया मिर्जा कहती हैं, "जब मैं बाहर खेलने जाती हूं तो लगता है कि काश और भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी भी होतीं, तो मुझे उनकी कंपनी मिलती। लेकिन मुझे उम्मीद है कि आगे ये नजारा बदलेगा और भविष्य में ज्यादा भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी देखने को मिलेंगीं."