‘I am aggressive but cool in attitude’
आप हॉकी में दुनिया के जाने-माने डिफेंडर्स में शुमार हैं, लाइफ को लेकर आप कितने डिफेंसिव हैं? डिफेंसिव होने के लिए भी एक अग्रेशन की जरूरत होती है। मैं अपने खेल के टेक्निकल पार्ट और स्किल को लेकर बेहद अग्रेसिव रहा हूं, लेकिन डेली लाइफ में मैं बहुत कूल रहता हूं। खेल हो या जिंदगी मैं कोशिश करता हूं कि गुस्सा ना करूं, क्योंकि इससे एम पर कांसंट्रेट करना मुश्किल होता है। खेलते वक्त मैदान में स्ट्रगल करते हैं? एक स्ट्रगल आपकी लाइफ में भी होता है। कौन सा ज्यादा चैलेंजिंग है? पर्सनल लाइफ का स्ट्रगल ज्यादा चैलेंजिंग है क्योंकि इसे आप शेयर नहीं करते। लाइफ के स्ट्रगल में आप अकेले होते हैं, इसमें सपोर्ट नहीं मिलता। वहीं खेल के मैदान में आपके चैलेंजेस सबके सामने होते हैं। आप लड़ते हैं तो लोगों की तालियां मिलती हैं, सपोर्ट मिलता है।
जब कभी लगा हो कि आपने सबकुछ खो दिया उस वक्त कौन सी चीजें आपमें एनर्जी भरती हैं।
खुद का कांफिडेंस और रेग्युलर अटेम्प्ट मुझे हमेशा एनर्जेटिक रखता है। 1987 की बात है जब उड़ीसा के अंडर 12 में स्टेट लेवल की एक टीम के लिए सेलेक्शन होना था। मैं सेलेक्ट नहीं हो पाया। घर आने पर पापा ने मुझे डांट पिलाई और कहा कि मैं ढंग से नहीं खेलता। एक पल के लिए लगा कि कुछ नहीं कर पाऊंगा। फिर मैंने प्रैक्टिस शुरू की, खेल के लिए वक्त दिया। नेक्स्ट टाइम मेरा टीम में सेलेक्शन हो गया। मैं निराश होता हूं तो अच्छा करने की उम्मीद और खुद पर भरोसा फिर से एनर्जी भर देती है।स्पिरिचुएलिटी आपकी नजर में क्या है?एक पॉवर है जिसके एग्जिस्टेंस को एक्सेप्ट करता हूं। जो भी करता हूं दिल लगाकर करता हूं, कोशिश करता हूं कि खुद से सेटिस्फाई रहूं, यही मेरे लिए स्पिरिचुएलिटी है।फुर्सत के पल को एंज्वॉय कैसे करते हैं?हॉकी के अलावा फुटबॉल खेलता हूं, कभी-कभी क्रिकेट भी खेल लेता हूं। हां, एक काम मैं अक्सर करता हूं, शाम को दोस्तों के साथ या कभी अकेले भी समुद्र के किनारे जाता हूं, वहां बैठकर लहरों को देखते रहना अच्छा लगता है. किस्मत पर यकीन करते हैं?
बिल्कुल करता हूं, लेकिन ये किस्मत कोई और नहीं बल्कि हम ही बनाते हैं। जब मैंने हॉकी खेलनी शुरू की थी तो मेरे किस्मत में एक गांव था जहां हॉकी खेलने के लिए बेसिक फैसेलिटी भी नहीं थी। हम सभी फील्ड में ईंट रख कर खेलते थे। लेकिन यह भी एक किस्मत है कि मैंने देश के लिए लम्बे समय तक खेला। कहने का मतलब कि किस्मत अच्छी या बुरी नहीं होती हम उसे अपने मुताबिक बनाते हैं।