हैदराबादी ठगों ने लगाई थी कारोबारी सूर्यांश के खातों में सेंध
कानपुर (ब्यूरो) रसोई मसाला कारोबारी अशोक नगर निवासी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल की 19 नवंबर 2021 को संदिग्ध हालात में मुत्यु हो गई थी। पुलिस ने आत्महत्या की धाराओं में चार्जशीट अदालत में पेश की है, जबकि मायके वाले हत्या का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में सूर्यांश व उसकी मां निशा खरबंदा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वर्तमान में निशा खरबंदा जमानत पर जेल से बाहर है।
नजीराबाद में दर्ज कराया था केस
आंचल की मौत के कुछ दिनों बाद ही सूर्यांश की कंपनी मेसर्स आक्सो इंपैक्स के अकाउंटेंट बेनाझाबर निवासी रमेश शुक्ला की ओर से नजीराबाद में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें बताया गया था कि कंपनी का एडवांटेज करंट स्कीम के तहत बैंक आफ बड़ौदा की अशोक नगर शाखा में खाता है। सूर्यांश के जेल जाने से पहले इस खाते में 1.15 करोड़ रुपये जमा थे। 11 फरवरी को कंपनी के कार्यालय में आइसीआइसीआइ बैंक के ओवरड्राफ्ट विभाग के कर्मचारी प्रशांत कुमार की ओर से जानकारी दी गई कि कंपनी के अकाउंट से पिछले दिनों मोटी रकम निकाली गई। कंपनी ने जब जांच की तो सामने आया कि साइबर ठगों ने इस बैंक खाते से बैंक आफ बड़ौदा की फर्जी चेक व एटीएम कार्ड के माध्यम से 83.98 लाख रुपये निकाल लिए हैं। नजीराबाद पुलिस के बाद यह जांच अब क्राइम ब्रांच कर रही है।
सूर्यांश खरबंदा के जेल जाने की खबर साइबर ठगों को गूगल पर मिली। इसके बाद ठगों ने मसाला कारोबारी की डिटेल निकाली और नकली आधार कार्ड बनाकर सूर्यांश के मोबाइल नम्बर को पोर्ट करा लिया। इसके बाद ठगों द्वारा उनके बैंक आफ बड़ौदा और आइसीआइसीआइ के बैंक खातों से चैक बुक जारी करवा कर रकम निकाल ली। क्राइम ब्रांच ने यारा साई किरन पुत्र रामा ङ्क्षलगा वारा प्रसाद निवासी सिरी साउद्धा, राजीव नगर, एसआर नगर हैदराबाद और निमग्दा फनी चौधरी पुत्र वेन्कट राव निवासी प्रशान्ति गोल्डेन, एवेन्यू प्रशान्ति नगर थाना बचुपल्ली, हैदराबाद को हैदाराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को दोनों ठगों को हैदराबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर लाया गया। दोनों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
रियल एस्टेट में लगाया पैसा
ठगी की रकम आरोपियों ने घूमने फिरने व रियल स्टेट फ्लैट एग्रीमेंन्ट में एडवांस के रूप में खर्च किय है। पुलिस आरोपियों के इन दावों की पुष्टि कर रही है। सूत्रों के मुताबिक साइबर ठगी का यह गिरोह काफी बड़ा है और इसके एक दर्जन भी ज्यादा सदस्य हैं। पुलिस आयुक्त विजय ङ्क्षसह मीना ने पूरे मामले का राजफाश करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को 50 हजार रुपये का इनाम और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।
जांच में सामने आया है कि ठगों ने मुकदमे के वादी रमेश शुक्ला को इस केस में फंसाने की योजना बनाई थी। रमेश शुक्ला के मोबाइल नंबर को डुप्लीकेट सिम निकालकर उन्होंने उसकी लोकेशन इस तरह की सेट की, ताकि पुलिस कि जांच में रमेश शुक्ला फंस जाए। पुलिस ने इसे सच भी माना और रमेश शुक्ला से पूछताछ भी की। लंबी पूछताछ के बाद जब रमेश से पुलिस को कुछ नहीं मिला उन्होंने जांच आगे बढ़ा दी। ये है गिरफ्तार करने वाली टीम
गिरफ्तार करने वाली टीम में सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर (प्रभारी साइबर सेल), आरक्षी जितेन्द्र कुमार गर्ग (सर्विलांस सेल), आरक्षी प्रबल प्रताप ङ्क्षसह (स्वाट टीम), आरक्षी शुभम ( साइबर सेल ), आरक्षी चालक-प्रवीण कुमार (अपराध शाखा) शामिल हैं।