एसआईटी के निशाने पर हयात की बेनामी प्रॉपर्टीज
कानपुर (ब्यूरो) हयात जफर हाशमी के चार बैंक खातों की जानकारी एटीएस को मिली है, जिसमें करोड़ों का लेनदेन बताया गया। उसके बाद पुलिस ने हयात की संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित किया है। फिलहाल पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हयात जफर हाशमी मूल रूप से भदोही के जलालपुर रेलवे स्टेशन के पास का रहने वाला है। उसके दादा अब्दुल राशिद हाशमी यूपी पुलिस मेें सब इंस्पेक्टर के पद से देवरिया से रिटायर हुए थे। पिता रशीदुल जफर हाशमी ने कारपेट का कारोबार शुरू किया था। बाद में वह व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से कानपुर चले आए। हालांकि, भदोही में कारपेट का कारोबार अब भी चल रहा है।
जेल में की मुलाकात
बुधवार को मुख्य विवेचक त्रिपुरारी पांडे ने हयात जफर हाशमी से जेल में मुलाकात की थी, जिसमें यह जानकारी मिली कि उसके पास मोहम्मद अली पार्क के पास मकान के अलावा एक हॉस्टल भी है, जो कि काकादेव में है। हालांकि, पुलिस को इसके अलावा किसी अन्य संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं मिली है। पुलिस का मानना है कि हयात ने बेनामी संपत्तियों में इस पैसे का उपयोग किया होगा। इसकी जांच की जा रही है कि उसने यह पैसा किन संपत्तियों को खरीदने के लिए लगाया है। इसके लिए एटीएस से संपर्क किया गया है, ताकि उनके पास बैंक लेनदेन से जुड़ी जो जानकारियां हैं उसके हिसाब से एसआईटी अपनी जांच आगे बढ़ा सके।
- ऑल इंडिया जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है हयात
-सीएएस विरोधी हिंसा में भी जफर हयात की सक्रियता सामने आई थी
- उसके दादा अब्दुल राशिद हाशमी यूपी पुलिस मेें सब इंस्पेक्टर के पद से देवरिया से रिटायर हुए थे।
- पिता रशीदुल जफर हाशमी ने भदोई में ही कारपेट का कारोबार शुरू किया था।
- बाद में वह व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से परिवार को लेकर कानपुर चले आए।
- भदोही में अब भी कारपेट का कारोबार अब भी चल रहा है, कई और संपत्तिया भी होने का अनुमान