कानपुर कैसे होगा टॉपर, 68 वार्डों में डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन नहीं
कानपुर (ब्यूरो) अधिकारियों के मुताबिक, नगर निगम सीमा के अंतर्गत लगभग 26.40 लाख की जनसंख्या है, ऐसे में स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में टॉप-5 में जगह बनाने के लिए छह हजार प्वाइंट की जरूरत होती है, अलग अलग साफ सफाई को लेकर इनकी रेटिंग तय की जाती है, जिसके आधार पर स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग बनती है। बताया जा रहा है कि पिछले बार के मुकाबले इस बार कानपुर की रैंकिंग बिगड़
सकती है। 20 परसेंट ही फीडबैक
रैंकिंग में टॉप-5 में जगह बनाने के लिए नगर निगम ने सिटीजन फीडबैक के लिए पोर्टल खोल दिया है। इसमें कुल जनसंख्या के हिसाब से 5 परसेंट (1.32 लाख) सिटीजंस का फीडबैक जरूरी होता है। अधिकारियों का कहना है कि डोर-टू-डोर टीमें साफ सफाई को लेकर लोगों का फीडबैक ले रही हैं। इसमें अब तक 27 हजार लोगों ने अपना फीडबैक दिया है, दावा है कि ज्यादातर पॉजिटिव हैं। हालांकि जनसंख्या के हिसाब से सिर्फ 20 परसेंट ही फीडबैक मिला है। यह कार्य 15 अप्रैल तक चलेगा।
आचार संहिता के होगी प्रक्रिया
रबिश विभाग के इंचार्ज ए रहमान का कहना है कि वर्तमान में कुल 42 वार्डों से गीला और सूखा कचरा उठाने की प्रक्रिया जारी है। जबकि बाकी बचे 68 वार्डों से आचार संहिता के बाद टेंडर होगा, इसके बाद डोर-टू-डोर कचरा उठान होगा। बता दें कि वर्ष 2021 में स्वच्छ सर्वेक्षण में कानपुर का 21वां स्थान मिला था, इस बार रैंकिंग में ऊपर जगह बनाने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत 150 वाहन खरीदे गए हैं, जिसमें से 133 वाहन आ चुके हैं, जबकि 17 वाहनों का अभी इंतजार है।
स्वास्थ्य अधिकारी अजय कुमार संखवार का कहना है कि लोगों को अब गीला और सूखा कचरा अलग रखना होगा। साथ ही डोर-टू-डोर गीला और सूखा कचरा उठान के लिए 100 रुपए चार्ज लिया जाता है। अगर कोई कचरे को अलग नहीं करता है तो पहले उसे अवेयर किया जाएगा। इसके बाद 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 15 अप्रैल को आएगी टीम
कानपुर नगर निगम में स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम को 29 और 30 मार्च को आना था, लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं आ सकी। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि संभावना है कि वह 15 अप्रैल तक कानपुर पहुंच जाएगी। जिसके बाद यहां पर वह अपने हिसाब से सर्वे करेगी, इसके आधार पर जून के अंत तक स्वच्छ रैंकिंग बनाई जाएगी।