जूही बारादेवी स्थित एक हॉस्पिटल में शुक्रवार सुबह अचानक आग लग गई. आग में कई मरीज और तीमारदार फंस गए. फायर ब्रिगेड की टीम ने दो नवजात और उनकी मां समेत पांच मरीजों को बाहर निकालकर जान बचाई. 3 घंटे की कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया गया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस ली.

कानपुर (ब्यूरो) जूही बारादेवी चौराहा स्थित इस हॉस्पिटल में फ्राइडे सुबह चार बजे शार्ट-सर्किट से आग लग गई। ग्राउंड फ्लोर के एनआईसीयू में दो नवजात, रमाकांती अवस्थी, 62 साल के जहीर खान, 24 साल की सलोनी सिंह और 30 साल की विहान देवी ग्राउंड फ्लोर पर फंस गईं थीं। सुबह चार बजे मरीज और स्टाफ रोज की तरह सो रहे थे, जबकि चौकीदार बाहर बैठा था। आग की जानकारी मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया।

इस तरह किया रेस्क्यू
सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने हॉस्पिटल इम्प्लाइज की मदद से छत के रास्ते से मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने 3 घंटे की कड़ी मशक्त से आग पर पूरी तरह से काबू पाया। आग की चपेट में आने से हॉस्पिटल का ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह से जल गया। हॉस्पिटल मालिक डॉ। तरुण गुप्ता शहर से बाहर गए थे। उनकी पत्नी डॉ। साक्षी गुप्ता आग की खबर मिलते ही हॉस्पिटल पहुंची।

केस्को पर लगाया आरोप
हॉस्पिटल के कर्मचारी अभिषेक ने बताया कि हमने पोल से शॉर्ट-सर्किट होने पर गुरुवार रात को केस्को से शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन केस्को ने संज्ञान नहीं लिया। इसके बाद सुबह फिर पोल से शॉर्ट-सर्किट के बाद आग लग गई। अगर समय रहते केस्को समस्या का समाधान कर देती तो शायद हॉस्पिटल में आग लगने से बच जाती।

Posted By: Inextlive