मिस्र में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद इस साल फ़रवरी में सत्ता छोड़ने पर मजबूर हुए होस्नी मुबारक को बुधवार को कानून का सामना करना होगा.

होस्नी मुबारक लगभग 30 साल तक मिस्र के राष्ट्रपति रहे थे और उनकी उम्र लगभग 82 साल है। भारी जनविरोध के बाद सत्ता से हटाए गए हुस्नी मुबारक के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार और विरोध प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को जान से मारने का आदेश देने के आरोप हैं।
मुबारक के अलावा उनके बेटे अला और गमाल, पूर्व आतंरिक सुरक्षा मंत्री हबीब अल अदली तथा छह पूर्व अधिकारियों को भी अदालत का सामना करना पड़ेगा। अल अदली को काला बाज़ारी के लिए पहले ही मई में एक अन्य मुक़दमे में 12 साल की सज़ा सुनाई जा चुकी है। क़रीब 3000 सैनिकों और पुलिस वालों की मौजूदगी में बुधवार को यह कार्रवाई काहिरा की पुलिस अकादमी में शुरु होगी।

कड़ी सुरक्षा के बीच कार्यवाही
कड़ी सुरक्षा के बीच शुरु होने वाली इस कार्यवाही से पहले सुरक्षा बलों ने तहरीर चौक में हवा में फ़ायरिंग की है। ऐसा वहाँ मौजूद कुछ प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए किया गया है। मुक़दमे के दौरान क़रीब 600 लोगों के मौजूद रहने की संभावना है।
पुलिस अकादमी में जिन लोगों पर अभियोग चलाया जाना है उन लोगों के लिए एक नया कठघरा बनाया है। पहले यह सुनवाई काहिरा के कन्वेंशन सेंटर में होनी थी लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों से इसे पुलिस अकादमी में करने का फ़ैसला लिया गया।
मुबारक अप्रैल से शर्म अल शेख़ में एक अस्पताल में नज़रबंद हैं। मुबारक को कार्यवाही शुरु से ठीक पहले काहिरा लाया जाएगा। टीवी चैनलों के मुताबिक मुबारक को काहिरा लाने के लिए हवाई जहाज़ शर्म अल शेख़ पहुँच चुका है.मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति ने फ़रवरी 11 को काहिरा के तहरीर चौक पर अपने खिलाफ़ 18 दिन तक चले प्रदर्शनों के बाद इस्तीफ़ा दे दिया था। इन प्रदर्शनों में 850 लोग मारे गए थे।

तनाव के क्षण
काहिरा में बीबीसी संवादाता जॉन लेन का कहना है कि बहुत से मिस्र वासियों को सेना की मुबारक के खिलाफ़ मुकदमा चलाने की नीयत पर शक़ है। ऐसे लोग मानते हैं कि सेना कभी नहीं चाहेगी कि मुबारक अपमानित हों।
मुबारक के वकील का कहना है कि वो गंभीर रूप से बीमार हैं। पूरे मिस्र काफ़ी तनाव है और अगर मुबारक सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होते हैं तो उसके परिणाम मिस्र की सड़कों पर देखने मिल सकते हैं।
पिछले महीने से प्रदर्शनकारी एक बार फिर से तहरीर चौक पर जमा होने लगे हैं। इन लोगों की मांग है कि देश में शासन कर रही सैन्य परिषद मुबारक और उनके सहयोगियों के खिलाफ़ तेज़ी से मुक़दमे चलाए।

 


Posted By: Inextlive