इम्तिहान...यह पढक़र आप चौंक गए होंगे. लेकिन यह बिल्कुल सच है. 5 और 6 अक्टूबर को कानपुर के साथ ही मुरादाबाद लखनऊ और सीतापुर में घोड़ों का एग्जाम होगा. 79 हॉर्सेस को मुरादाबाद लखनऊ सीतापुर पीटीसी और कानपुर के माउंटेन पुलिस सेंटर में ट्रेंड किया गया है.

कानपुर(ब्यूरो)। इम्तिहानयह पढक़र आप चौंक गए होंगे। लेकिन, यह बिल्कुल सच है। 5 और 6 अक्टूबर को कानपुर के साथ ही मुरादाबाद, लखनऊ और सीतापुर में घोड़ों का एग्जाम होगा। 79 हॉर्सेस को मुरादाबाद, लखनऊ, सीतापुर पीटीसी और कानपुर के माउंटेन पुलिस सेंटर में ट्रेंड किया गया है। इनकी पढ़ाई यानि ट्रेनिंग अब पूरी हो गई है और अब बारी है इम्तिहान की। जिससे कानून व्यवस्था को मजबूत करने में मदद के लिए इनका यूज किया जा सके। एग्जाम के बाद सभी 79 हॉर्सेस को यूपी के सभी जिलों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा।

अप्रैल में शुरू हुआ कोर्स
सब इंस्पेक्टर माउंटेन पुलिस (एसआईएमपी) दिलशाद अहमद ने बताया कि अप्रैल में यूपी पुलिस ने 79 घोड़ों की खरीद की थी। इसके बाद उन्हें विभिन्न जिलों के ट्रेनिंग स्कूल्स में ट्रेनिंग दी जा रही है। सितंबर में इनका कोर्स खत्म हो गया है। 5-6 अक्टूबर को इनके एग्जाम होंगे। उसके बाद इन घोड़ों को यूपी के तमाम जिलों में लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करने में मदद के लिए भेज दिया जाएगा। दीपावली के आस पास लॉजिस्टिक विभाग दोबारा घोड़ों की खरीद करेगा।

डोज में गुड़, चना, चोकर
घोड़ों का पसंदीदा भोजन गुड़, तेल, चना और चोकर है। इन घोड़ों को सुबह रोज इनके रूम (बाड़ों) से निकाला जाता है। इसके बाद इन्हें नहलाया जाता है। फिर राइडर्स इनको ट्रेनिंग ग्राउंड में ले जाते हैैं। यहां तीन घंटे तक ट्रेनिंग दी जाती है। लंच में हरी घास, चूनी, चोकर दिया जाता है। दोपहर के रेस्ट के बाद इन्हें तेल और गुड़ दिया जाता है।


कूलर की हवा भी खाते
हर हॉर्स के रूम के बाहर एक कूलर लगा है। इनकी देखभाल करने वाले एसआईएमपी बताते हैैं कि निर्धारित समय पर इनका मेडिकल किया जाता है। सुबह जल्दी आने के बाद वे देर रात तक इनकी देखभाल खुद करते हैैं, हालांकि माउंटेन पुलिस के पास जवानों की संख्या ठीक है, इसके बाद भी हर घोड़े पर दो व्यक्ति रहते हैैं। अस्तबल की हर समय रखवाली की जाती है।

राइडर्स की भी ट्रेनिंग
एसआईएमपी ने बताया कि राइडर्स की भी ट्रेनिंग होती है, जिसमें इन्हें घोड़ों की भाषा सिखाई जाती है। ये घोड़े के इशारे समझते हैैं और घोड़े इनके इशारे समझते हैैं। उनका कहना है कि घोड़ा प्यार की भाषा समझता है। राइडर्स भी उन्हें बहुत सलीके से रखते हैैं।

इतने घोड़ों को दी जा रही ट्रेनिंग
मुरादाबाद : 20
लखनऊ : 20
सीतापुर : 20
कानपुर : 19

इन सब्जेक्ट्स का होगा एग्जाम
रोलिंग : मिट्टी में गोलाकार घूमना
ट्रॉटिंग : घुटने के बल चलना
जंपिंग : सब्जेक्ट के मुताबिक कूदना
सेंस : सवार के इशारों को समझना
सेफ्टी : सवार को चोट न आने देना
टेंट पेगिंग: सवार को लेकर स्पोर्ट जंप करना
हर्डल रेस : सवार को लेकर एक साथ कई जंप लगाना
स्पीड मेंटिनेंस: लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करने के लिए कमांड

ये हैैं कानपुर माउंटेन पुलिस के होशियार हॉर्स
नार्दन टाइगर, मर्लिम, ल मास्टर पेड्रो, मारूती, मिस हैमटम, क्लाउड, गोल्डन एरा, एनायनटेड, अरबाज, चटर बग, रेन फॉरेस्ट, फ्लावर पैराडाइज, मिलोविया, डीप थॉट, मास्टर बक, एडएस।
स्ट्रांग पुलिसिंग में घोड़ों का बहुत अहम योगदान है। स्पोट्र्स के अलावा ये लॉ एंड ऑर्डर की ड्यूटी में पुलिस का योगदान देते हैैं।
दिलशाद अहमद, एसआईएमपी, माउंटेन पुलिस

Posted By: Inextlive