लेटलतीफी का शिकार रहा फोरलेन जीटी रोड हाईवे प्रोजेक्ट 15 अप्रैल को पूरी तरह से चालू हो गया था. हाईवे पर गाडिय़ां 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही हैं. बावजूद इसके आईआईटी से बिल्हौर के बीच ये फोरलेन हाईवे कई जगहों पर अंधेरे में डूबा हुआ है. एक तो पूरे हाईवे पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हुई जहां लगी भी है उनमें से ज्यादातर बंद पड़ी है. जबकि हर रोज इस हाईवे से हजारों की संख्या में बाइक कार रोडवेज ट्रक आदि गाडिय़ां गुजरती हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। लेटलतीफी का शिकार रहा फोरलेन जीटी रोड हाईवे प्रोजेक्ट 15 अप्रैल को पूरी तरह से चालू हो गया था। हाईवे पर गाडिय़ां 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही हैं। बावजूद इसके आईआईटी से बिल्हौर के बीच ये फोरलेन हाईवे कई जगहों पर अंधेरे में डूबा हुआ है। एक तो पूरे हाईवे पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हुई, जहां लगी भी है, उनमें से ज्यादातर बंद पड़ी है। जबकि हर रोज इस हाईवे से हजारों की संख्या में बाइक, कार, रोडवेज, ट्रक आदि गाडिय़ां गुजरती हैं। हाईवे किनारे बसे मोहल्लों में हजारों की आबादी भी रहती है। लोग अधिक दूरी तय करने से बचने के लिए साइकिल, बाइक सहित हाईवे को पार किया करते है। ऐसे में अंधेरे में डूबे इस हाईवे पर कभी बड़ा हादसा हो सकता है।

सिक्सलेन तक हो सकता है
आईआईटी से कन्नौज सीमा(मैनपुरी) तक जीटी रोड की वाइडनिंग की जिम्मेदारी एनएचएआई के कन्नौज डिवीजन के पास है। लगभग 131 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को फोरलेन करने में जमीन अधिग्र्रहण सहित 7 हजार करोड़ रुपए हुए खर्च हुए। जीटी रोड हाईवे को टू से फोरलेन व ब्रिज और एलीवेटेड सेक्शन सिक्सलेन का बनाया गया है। जिससे जरूरत पडऩे पर आगे चलकर पूरा जीटी रोड सिक्स लेन किया जा सके। ïï

लेटलतीफी का रहा शिकार
वाइडनिंग का यह प्रोजेक्ट वर्ष 2021 में शुरू हुआ था, 2023 में कम्प्लीट होना था। लेकिन कानपुर से कन्नौज के वाइडनिंग का काम का लेटलतीफी का शिकार रहा। करीब 131 किलोमीटर के हिस्से में आईआईटी कानपुर से मंधना क्रॉसिंग के आगे तक का हिस्सा चालू नहीं हो सका था। इसकी वजह हाईटेंशन लाइन थी, जिसकी शिफ्टिंग रेलवे की परमीशन न मिलने के कारण नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया के ऑफिसर नहीं करा पा रहे थे। इसी वजह से मंधना क्रॉसिंग पर ब्रिज भी अटका पड़ा हुआ था। इससे पहले से ही लेट चल रहा जीटी रोड वाइडनिंग प्रोजेक्ट और भी लेट हो गया।

पहले से वसूला जा रहा टोल टैक्स
एनएचएआई की टीम ने 15 अप्रैल को आईआईटी से मंधना के बीच ब्लाक हिस्से को चालू कर सकी।
हालांकि प्रोजेक्ट लेट होते देख एनएचएआई ने करीब छह महीने पहले शिवराजपुर निवादा में टोल चालू कर दिया था। हालांकि अधूरे हिस्से के चलते 70 परसेंट ही टोल टैक्स लिया जा रहा था।

हजारों की संख्या में गुजरती है गाडिय़ां
जीटी रोड के जरिए हर रोज कन्नौज, फर्रूखाबाद, कासगंज सहित अन्य डिस्ट्रिक्ट से हजारों की संख्या में गाडिय़ां का आवागमन होता है। इनमें कार, रोडवेज, ट्रक आदि गाडिय़ां भी शामिल हैं। इसके अलावा जीटी रोड के जरिए दिल्ली आने-जाने में भी दूरी और समय की बचत होती है.इसी वजह से टू से फोरलेन जीटी रोड हाईवे होने के बाद गाडिय़ों की संख्या और भी बढ़ गई है।

अंधेरे में डूबा हाईवे
जीटी रोड हाईवे पूरी तरह से चालू करने से पहले एनएचएआई ऑफिसर्स ने बड़े-बड़े दावे किए थे। लेकिन अभी 15 दिन भी नहीं बीते कि जीटी रोड हाईवे की स्ट्रीट लाइट बन्द होना शुरू हो गई है। आईआईटी से बिल्हौर के बीच कई जगहों पर आगे बढते ही एलिम्को से लेकर मंधना ब्रिज से पहले तक हाईवे अंधेरे में डूबा रहा। ब्रिज जरूर लाइट्स से जगमगा रहा है। शिवराजपुर से चौबेपुर के बीच में कई जगहों पर स्ट्रीट लाइट पोल लगे होने के बाद हाईवे अंधेरे में डूबा रहा। अंधेरे के बीच पैदल, साइकिल व बाइक सहित हाईवे पार कर रहे लोगों के अचानक सामने आ जाने से कभी भी हादसा हो सकता है। खुद एनएचएआई ने इसी समस्या की वजह से कानपुर से कन्नौज के बीच कई जगहों पर फुटओवर ब्रिज की प्लानिंग की है। प्रपोजल भी एनएचएआई मुख्यालय को भेजा जा चुका है।

900 स्ट्रीट लाइट पोल
जीएम अजय सिंह ने बताया कि एनएचएआई की गाइडलाइंस के मुताबिक ग्र्रेड सेप्रेरेटेड स्ट्रक्चर, इंटरचेंजेस, फ्लाईओवर, अंडरपास व ओवरपास टोल प्लाजा, ट्रक ले बाई, बस बे एंड शेल्टर लोकेशन आदि जगहों पर स्ट्रीट पोल लगाए गए हैं। कानपुर से कन्नौज के बीच 900 स्ट्रीट पोल लगाए गए। टोटल प्रोजेक्ट कास्ट में स्ट्रीट लाइटिंग भी शामिल हैं।

एनएचएआई की गाइडलाइंस के मुताबिक स्ट्रीट लाइट पोल लगाए गए। स्ट्रीट लाइट बन्द होने की जानकारी नहीं हैं। चेक कराकर जो भी स्ट्रीट लाइट बन्द होंगी, उन्हें चालू कराया जाएगा। -- अजय सिंह, जीएम, एनएचएआई कन्नौज डिवीजन

Posted By: Inextlive