गुरुद्वारा श्रीचन्द्र जी दरबार में ट्यूजडे को सम्पट के रूप में जो अदभुत शब्द निकाला गया वो सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव के उच्चारित मलार राग में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग &पृष्ट 1273&य में वर्णित है.


कानपुर(ब्यूरो)। गुरुद्वारा श्रीचन्द्र जी दरबार में ट्यूजडे को सम्पट के रूप में जो अदभुत शब्द निकाला गया वो सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देव के उच्चारित मलार राग में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंग &पृष्ट 1273&य में वर्णित है। जो इस प्रकार है, &हे गोविंद हे गोपाल हे दयाल लाल&य। ज्ञानी बलविंदर सिंह ने अरदास करी और ज्ञानी त्रिलोचन सिंह जी ने बाबा श्री चन्द्र जी की महिमा का बखान किया। बताया कि किस तरह से देश विदेशों से बाबा के दर से संगता जुड़ रही है और इन अखण्ड लडिय़ों में टारगेट से अधिक पाठ साहिब रखे गए। इस मौके पर सुरेश कालरा, गोगी बेदी, शिव अरोड़ा, दिलीप वलेचा, राजकुमार लालडिनानी, लखन आदि मौजूद रहे।

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