कैंसर पेशेंट्स का दर्द दूर करेगी हर्बल मेडिसिन
कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू ने अब एकेडमिक के साथ-साथ अब मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में भी काम स्टार्ट कर दिया है। कैंपस के डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में मेडिसिंस की जा रही है। यहां पर कैंसर की मेडिसिन तैयार करने का काम शुुरू हो गया है। यहां के स्पेशलिस्ट मैजिक मॉलिक्यूल्स से ऐसी दवा तैयार कर रहे हैैं जो कि बॉडी में कैंसर के अगेंस्ट एनवायरमेंट तैयार करेगी। दावा किया जा रहा है। कीमोथेरेपी की तरह इस हर्बल मेडिसिन में कोई साइड इपेक्ट नहीं होंगे। इस दवा को बनाने का पहला फेज स्टार्ट हो गया है। आने वाले महीनों में इसके एनिमल ट्रायल की तैयारी है।
कुछ ऐसे काम करेगी मेडिसिन
सीएसजेएमयू में बनाई जा रही मेडिसिन में इम्यूनो थैरेपी से मैजिक मॉलिक्यूल्स को बॉडी मेें इंजेक्ट किया जाएगा। मेडिसिन बॉडी में जाते ही ऐसा एनवायरमेंट बनाएगी जो कि कैंसर के कीड़ों को मारने का काम करेगी। इस दवा को साइटो काइंस का संश्लेषण करके बनाया जा रहा है। कोशिश है कि दवा को पूरी तरह से हर्बल रखा जाए, जिससे दवा दिए जाने वाले व्यक्ति पर कोई नेगेटिव इफेक्ट न पड़े। अभी तक कैैंसर के कीड़ों को मारने वाली कीमोथैरेपी पेशेंट के शरीर को वीक कर देती है, जिससे कई पेशेेंट कीमो लेने से भी पीछे हटते हैैं। सीएसजेएमयू की हर्बल मेडिसिन अगर तैयार हो जाती है तो वह कैंसर मरीजों के लिए रामबाण का काम करेगी।
इस दवा को बनाने में सीएसजेएमयू को लक्षण आदि पता करने के लिए मरीजों का डाटा चाहिए होगा। इस काम के लिए सिटी के दो नामचीन प्राइवेट अस्पतालों से सीएसजेएमयू का एमओयू हो गया है। अस्पतालों ने सीएसजेएमयू को डाटा आदि देना स्टार्ट भी कर दिया है। अस्पतालों में आने वाले कैंसर मरीजों की रिपोर्ट आदि लेकर स्टडी की जा रही है। इसके अलावा आवश्यकता पडऩे पर यहां के स्पेशलिस्ट अस्पतालों मेें जाकर कैंसर पेशेंट की केस स्टडी भी कर सकते हैैं। पहले किया जाएगा एनिमल ट्रायल
इस दवा के बनने के बाद सबसे पहले इसको एनिमल ट्रायल के फेज के गुजरना होगा। सभी स्टेज, जरुरी फार्मेल्टी और गवर्नमेंट प्रोसेस से गुजरने के बाद इसको मार्केट में लाया जाएगा। कोशिश है कि सीएसजेएमयू की किसी स्टार्टअप कंपनी के जरिए मेडिसिन को मार्केट में लाया जाए। इसके अलावा सीएसजेएमयू ने फिलहाल फाइटोकेमिकल से डायबिटीज को कंट्रोल करने वाली मेडिसिन को बना लिया है। इसका चूहों पर ट्रायल स्टार्ट भी हो गया है।
फस्र्ट स्टेज में पता लगें बीमारियां
कैंपस में कुछ इस तरह की टेक्नोलॉजी पर काम हो रहा है, जिससे कैंसर, डायबिटीज, बीपी समेत कई बीमारियों का पता पहले स्टेज में चल जाए। ऐसा होने से पेशेंट का ट्रीटमेंट जल्दी स्टार्ट होगा, जिससे डिसीज कंट्रोल में आसानी रहेगी।
- प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, प्रोवीसी, सीएसजेएमयू