शहर के सबसे बड़े एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी बढ़ते पेशेंट लोड की वजह से अब छोटी पडऩे लगी है. नतीजा इमरजेसी में आने वाले क्रिटिकल पेशेंट्स का भी कई बार बेड खाली न होने पर गैलरी में ही स्ट्रेचर पर लिटा कर इलाज करना पड़ता है. इस वजह से इमरजेंसी में झगड़ा होने की घटनाएं भी बढ़ी हैं. एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के आधा दर्जन जिलों से मरीज भर्ती होने आते हैंलेकिन बढ़ते पेशेंट लोड की वजह से अब इमरजेंसी में जगह कम पडऩे लगी है.

कानपुर(ब्यूरो)। शहर के सबसे बड़े एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी बढ़ते पेशेंट लोड की वजह से अब छोटी पडऩे लगी है। नतीजा इमरजेसी में आने वाले क्रिटिकल पेशेंट्स का भी कई बार बेड खाली न होने पर गैलरी में ही स्ट्रेचर पर लिटा कर इलाज करना पड़ता है। इस वजह से इमरजेंसी में झगड़ा होने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के आधा दर्जन जिलों से मरीज भर्ती होने आते हैं,लेकिन बढ़ते पेशेंट लोड की वजह से अब इमरजेंसी में जगह कम पडऩे लगी है। अस्पताल प्रशासन ने इस दिक्कत को समझते हुए मेडिसिन की इमरजेंसी को अलग कर उसका एक्सपेंशन करने की प्लानिंग की तो फंड का टोटा हो गया। जिसकी वजह से अब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कम पड़ रहे बेड
एलएलआर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में सर्जरी, आर्थोपेडिक और मेडिसिन वार्ड हैं। मेडिसिन वार्ड में जहां 14 बेड हैं। वहीं सर्जरी और आर्थोपेडिक वार्ड में 7-7 बेड हैं। इसके अलावा इमरजेंसी हॉल में पेशेंट को स्टेबल करने के लिए भी 7 बेड लगाए गए हैं। वहीं हैलट इमरजेंसी में रोज औसतन 170 से 180 मरीज भर्ती हेाते हैं। रात और दोपहर तक मरीजों का लोड इमरजेंसी में काफी ज्यादा हेाता है। ऐसे में इमरजेंसी में मेडिसिन वार्ड में सभी बेड भर जाते हैं। इस हालत में इलाज कराने के लिए तीमारदारों को सोर्स सिफारिश तो करनी ही पड़ती है। बेड न मिलने पर उन्हें स्ट्रेचर पर ही इलाज कराना पड़ता है। जिससे खासी परेशानी होती है।

सुविधाओं के साथ बढ़ा लोड
एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी पर पेशेंट लोड तेजी से बढ़ा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से इस बाबत यहां सुविधाओं का भी इजाफा किया गया है। ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट भी लगा है। इसके अलावा मेडिसिन वार्ड में कई बेडों पर क्रिटिकल मरीजों के लिए एचएनएफसी भी लगाए गए हैं,लेकिन पेशेंट लोड बढऩे की वजह से यह सुविधाएं भी कम पड़ गई है।


मेडिसिन इमरजेंसी का एक्सपेंशन
एलएलआर अस्पताल के एसआईसी प्रो.आरके मौर्या बताते हैं कि इमरजेंसी में जगह कम पड़ रही है। अब पेशेंट लोड काफी बढ़ गया है। इसके देखते हुए पुरानी बर्न यूनिट और वार्ड-1 को मेडिसिन इमरजेंसी में कंवर्ट करने का प्रपोजल है। यहां पर पहले से ही ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछी है। और ऐसी भी लगे हैं। सिर्फ 12 बेड की पुरानी बर्न यूनिट के साथ वार्ड-1 में 36 बेड हैं। ऐसे में मेडिसिन के मरीजों को यहां पर्याप्त संख्या में रखा जा सकता है और स्टेबल होने पर उन्हें बिना जल्दबाजी के वार्डों में शिफ्ट किया जा सकता है। सर्जरी और आर्थो की इमरजेंसी पहले की तरह चलेगी। मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड के साथ भी इसे लेकर बातचीत हुई है। जल्द मेडिसिन इमरजेंसी को एक्सपैंड किया जाएगा।
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फैक्टफाइल-
हैलट इमरजेंसी में कुल बेड कैपेसिटी
- 40 बेड इमरजेंसी की कुल कैपेसिटी
- 14 बेड मेडिसिन इमरजेंसी में
- 170 से 180 मरीजों का औसतन रोज इमरजेंसी में एडमिशन
-50 परसेंट इमरजेंसी पेशेंट मेडिसिन डिपार्टमेंट के
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Posted By: Inextlive