समय से मिल जाता समाधान तो न जाती बेकसूर की जान, जानिए सीवर लाइन विवाद कैसे बना मुसीबत
कानपुर(ब्यूरो)। चकेरी के पटेल नगर में छोटे से विवाद ने बड़ी वारदात करा दी। सीवरेज पाइप लाइन डालने के विवाद में पड़ोसियों में मारपीट हो गई। इसी बीच दूसरे पक्ष ने लाइसेंसी बंदूक से फायर झोंक दिया। इस गोली का शिकार हुआ वहां से गुजर रहा बेकसूर ई रिक्शा चालक। गोली लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जिसका इस वारदात से कोई लेना देना ही नहीं था। वारदात में 7 लोग घायल हो गए। विवाद बेहद छोटा था जिसकी शिकायत समाधान दिवस पर अधिकारियों से भी की गई थी लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। अगर विवाद का समाधान पहले ही हो गया होता तो न मामला इतना बढ़ता और एक बेकसूर की जान जाती. हंगामा, एसीपी से हाथापाई मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कांशीराम अस्पताल भेजा। साथ ही घायलों को भी इलाज के लिए हैलट और कांशीराम अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। एसीपी से भी लोगों ने हाथापाई की। गोली मारने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नहीं दिखाई गंभीरता पटेल नगर कच्ची बस्ती में रहने वाले प्रदीप के मुताबिक वे अपने टॉयलेट की पाइपलाइन सडक़ के चैंबर से जुड़वाना चाहते हैं। लेकिन पड़ोसी शिव सागर शुक्ला विरोध कर रहे थे। इस बात को लेकर 15 दिन से विवाद चल रहा था। प्रदीप ने बताया कि मामले में पुलिस से 5 जुलाई को समाधान दिवस में शिकायत भी की। लेकिन, पुलिस और प्रशासन ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। शिव सागर सिक्योरिटी गार्ड है। प्रदीप ने बताया कि सोमवार को वह क्षेत्रीय पार्षद नरोत्तम कुमार से बात करने के बाद पाइप लाइन डलवाने का काम कर रहे थे। इलाके के अदनान और उनके पिता मुजीबुर्रहमान खुदाई कर रहे थे। तभी शिव सागर बाहर निकले और गाली गलौज करते हुए पत्थर चलाने लगे। एक पत्थर प्रदीप के सिर पर लग गया। इसके बाद प्रदीप और शिव सागर में मारपीट होने लगी. पुलिस के खिलाफ गुस्सा विवाद होता देख प्रदीप की बहन खुशबू बीच-बचाव करने पहुंची तो शिव सागर ने उसे भी मारा। इसके बाद दोनों पक्षों में पथराव होने लगा। फिर शिव सागर अपने घर की पहली मंजिल पर पहुंचे और लाइसेंसी बंदूक निकालकर फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें उधर से गुजर रहे ई-रिक्शा चालक संदीप विश्वकर्मा को गोली लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक संदीप, घायल प्रदीप, अदनान, मुजीबुर्रहमान और खुशबू को लेकर कांशीराम अस्पताल पहुंची। जहां पर संदीप और प्रदीप के घरवालों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया. आरोपी गार्ड गिरफ्तार अस्पताल पहुंचे एसीपी चकेरी अमरनाथ यादव से परिजनों की बहस व हाथापाई भी हुई। हंगामे की सूचना मिलते ही डीसीपी पूर्वी शिवाजी समेत कई थानों की फोर्स पहुंची। पुलिस ने परिजनों को समझाकर शांत किया। एसीपी अमरनाथ ने बताया कि आरोपी सिक्योरिटी गार्ड को पकड़ लिया गया है। जांच की जा रही है। पुलिस ने आरोपी की बंदूक भी जब्त कर ली है। 15 दिन से चल रहा था विवाद 5 जुलाई को चकेरी थाने में समाधान दिवस था। इसमें तमाम शिकायत करने वाले भी आए थे। प्रदीप ने भी आरोपी के खिलाफ नामजद तहरीर दी थी। लेखपाल के मौके पर न होने की वजह से कार्रवाई नहीं की गई थी। न ही पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। इलाकाई लोगों ने बताया कि पहले भी दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था तो पार्षद ने मध्यस्थता कर शांत करा दिया था, लेकिन नए बने पार्षद ने इस मामले में इंट्रेस्ट नहीं लिया। अस्पताल में जमकर हंगामा सोमवार को हुई वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। परिवार और इलाके वालों में पुलिस को लेकर पहले से आक्रोश था। ऐसे में पुलिस को देखते ही लोगों पथराव शुरू कर दिया। किसी तरह पीएसी और आस पास के थानों की पुलिस बुलाकर मामला शांत कराया गया। फॉरेंसिक टीम ने मौके से तमाम इविडेंस के साथ पुलिस हिरासत में आरोपी के फिंगर प्रिंट लिए। वहीं घटनास्थल को सील कर दिया गया। कोई विवाद न हो इसलिए पुलिस भी तैनात कर दी गई.