राजकीय पॉलीटेक्निक अब बनेगा लाइट हाउस इंस्टीट्यूट
कानपुर (ब्यूरो) इन 10 इंस्टीट्यूट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में डेवलप किया जाएगा। इनमें बेस्ट एजूकेशन क्वालिटी के साथ साथ इनोवेशन और प्रैक्टिकल पर जोर रहेगा। यहां के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की तरह वर्किंग मॉडल्स बनाने होंगे। इसके अलावा यहां के स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट भी प्राथमिकता के तौर पर दिलाया जाएगा। कोशिश है कि फैकल्टी के साथ साथ स्टूडेंट्स की भी ऑनलाइन अटेंडेंस हो।
एआईसीटीई के मानक होंगे पूरेलाइट हाउस पॉलीटेक्निक में आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) के मानकों को पूरा रखा जाएगा। इन इंस्टीट्यूट्स में फैकल्टी, लैब, इक्पिमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, हॉस्टल, सीसीटीवी कैंपस, वर्चुअल लैब, लैैंग्वेज लैब और स्मार्ट क्लास रूम समेत कई फैसिलिटी होंगी। इसके अलावा हर क्लास में डिजिटल बोर्ड लगाया जाना भी प्रस्तावित है। यहां सक्सेस मिलने के बाद स्टेट के अन्य गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक इंस्टीट्यूट्स को भी इन्हीं के आधार पर डेवलप किया जाएगा।
अन्य इंस्टीट्यूट्स का विजिट
लाइट हाउस पॉलीटेक्निक को डेवलप होने के बाद यह पूरे स्टेट के लिए मॉडल होंगे। अन्य इंस्टीट्यूट्स के प्रिंसिपल और फैकल्टी को यहां विजिट कराया जाएगा। उनको यहां की फैसिलिटी, क्वालिटी, लैब और एजूकेशन के आधार पर खुद के संस्थान को विकसित करना होगा। अपने इंस्टीट्यूट्स स्वयं को लाइट हाउस की तरह कैसे बनाएं, उसके लिए डायरेक्ट्रेट को बताना होगा, जिसके बाद बजट जारी करके उनको भी डेवलप किया जाएगा।
लाइट हाउस वाले पॉलीटेक्निक्स में इनोवेशन सेंटर भी बनेंगे। यहां डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स इनोवेटिव प्रोटोटाइप डेवलप करेंगे। प्रोटोटाइप बेहतर होने पर उसको मार्केट में लाने के लिए कंपनी से कांटैक्ट भी किया जाएगा। स्टूडेंट्स को होंगे ये फायदे
-स्टूडेंट्स को क्लास के साथ साथ प्रैक्टिकल के लिए अलग टाइम फिक्स किया जाएगा
-हर एक्टिविटी की सीसीटीवी से रिकार्डिंग होगी। लाइब्रेरी में ई बुक्स पढऩे की फैसिलिटी मिलेगी
-इसके अलावा फैकल्टी स्ट्रेंथ पूरी होने से क्लास में सिलेबस समय से पूरा होगा।
-ऑनलाइन स्टडी करने के लिए स्टूडेंट्स को हाई स्पीड इंटरनेट और वाईफाई फैसिलिटी मिलेगी
-यह इंस्टीट्यूट पूरी तरह से प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स की तरह ही डेवलप किए जाएंगे।
- हालांकि यहां पढऩे वाले स्टूडेंट्स से फीस गवर्नमेंट के नॉम्र्स के मुताबिक ही ली जाएगी।
यह है लाइट हाउस के लिए प्रस्तावित गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट्स
कानपुर, लखनऊ, बरेली, झांसी, गोरखपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद (सभी गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक), गवर्नमेंट गल्र्स पॉलीटेक्निक प्रयागराज, वाराणसी और गवर्नमेंट लेदर इंस्टीट्यूट आगरा।
कोट
प्रदेश में 149 गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक है। उनमें से फस्र्ट फेज में 10 पॉलीटेक्निक को लाइट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। यह पूरे स्टेट के लिए मॉडल होंगे। पूरा खाका तैयार करके शासन को भेज दिया गया है। अगले महीने मीटिंग के बाद हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
के राम, डायरेक्टर, टेक्निकल एजूकेशन यूपी