ट्रैफिक रूल्स पर भारी ‘सरकारी’
कानपुर (ब्यूरो)। जिन पर पब्लिक को ट्रैफिक रूल्स फॉलो कराने की जिम्मेदारी है, वो खुद ही ट्रैफिक रूल्स नहीं फॉलो करते हैं। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट सिटी में सबसे ज्यादा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सिटी की सडक़ों पर रोडवेज, नगर निगम समेत अन्य गवर्नमेंट डिपार्टमेंट खुलेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते देखे जा सकते हैं। पुलिसकर्मी, ट्रैफिक पुलिसकर्मी अक्सर बाइक पर बिना हेलमेट चलते दिखते हैं। वहीं नगर की गाडिय़ां कंडम हो चुकी शहर में पॉल्यूशन बढ़ा रही है, लेकिन &सरकारी&य होने की वजह से इन पर कभी कोई कार्रवाई भी नहीं होती है।
नहीं लगी आई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
मार्च 2019 से पहले सेंट्रल गवर्नमेंट ने कानपुर समेत पूरे देश में सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए बीते दिनों ट्रैफिक पुलिस ने सघन अभियान चला 5 हजार का चालान भी किया। इसके बावजूद गवर्नमेंट डिपार्टमेंट की सैकड़ों वाहनों में अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी हुई है। सिटी के कुछ बड़े ऑफिसर्स के वाहनों में अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी है।
धुआं उड़ा रहे सरकारी वाहन
रोडवेज डिपार्टमेंट की बसें, नगर निगम की कूड़ा गाड़ी समेत अन्य वाहन, केस्को डिपार्टमेंट की जीप, हेल्थ डिपार्टमेंट की एम्बेस्डर समेत सिटी के दर्जनों डिपार्टमेंट हंै। जहां अभी भी 15 साल पुराने डीजल वाहनों का संचालन हो रहा है। सिटी में यह वाहन धुआं उड़ाते हुए आसानी से दिखाई दे जाएंगे। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ आफिसर्स कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझते हैं।
गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के सीनियर आफिसर्स को शासन की तरफ से गाड़ी व ड्राइवर मुहैया कराया जाता है। जिसमें नियमानुसार आफिसर के वाहन में बैठे होने पर ही हूटर बजाने की अनुमति है। इसके बावजूद सिटी में गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के वाहन व फर्जी तरीके से वाहन में जनप्रतिनिधियों का पद लिखकर हूटर बजाते हुए दिखाई दे जाएंगे। इन पर भी ट्रैफिक पुलिस कभी सख्ती से कार्रवाई नहीं करती हैं। बस चालकों की अराजकता से लगता जाम
झकरकटी बस अड्डा हो या फिर रावतपुर बस अड््डा सभी स्थानों में रोडवेज बस के चालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सडक़ पर बस खड़ी कर पैसेंजर बैठाते हैं। जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है। यह समस्य टाटमिल, रामादेवी, रावतपुर, अफीमकोठी, नौबस्ता, कल्याणपुर, बर्रा बाइपास समेत दर्जनों स्थानों में सालों से है। जिस पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई नहीं करती है।
दो पुलिस अधिकारियों ने बढ़ाया कदम
ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने की जिम्मेदारी सिर्फ आम पब्लिक की नहीं बल्कि हर वह इंसान की है तो वाहन ड्राइव करता है। फिर चाहें वह पुलिस का कोई अधिकारी हो या फिर प्रशासन का, बीते वर्ष दो पुलिस अधिकारियों ने मिशाल कायम करते हुए अपने ड्राइवर के ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करने पर खुद कार्रवाई कराई थी। दो साल पहले तत्कालीन कमिश्नर असीम अरुण ने रेड लाइट जम्पिंग में व एडीजी ट्रैफिक ने अपने ड्राइवर के ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट न लगाने पर खुद कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।