फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण का मतदान रविवार को होगा. माना जा रहा है कि वर्ष 2012 का ये चुनाव पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा करीबी मुकाबला होगा.

इस चुनाव में राष्ट्रपति निकोला सरकोजी को नौ अन्य उम्मीदवारों से टक्कर मिलेगी। राष्ट्रपति चुनाव में खड़े प्रमुख उम्मीदवारों का परिचय क्या है आइए जानते हैं।

1) निकोला सारकोजीवर्ष 2007 में सारकोजी को अपने समाजवादी प्रतिद्वंदी पर छह फीसदी अंको की बढ़त मिली थी। लेकिन सत्ता में पांच साल सारकोजी के लिए बहुत बढ़िया नहीं रहे हैं।

उनके कुछ फैसले बेहद विवादास्पद भी रहे हैं। उन्होंने सेवानिवृति की सीमा 60 साल से बढ़ाकर 62 किया जिसका वामपंथी पार्टियों ने कड़ा विरोध किया।

पूर्व राष्ट्रपति जाक शिराक ने सारकोजी के बारे में अपनी किताब में लिखा कि वो "चिड़चिड़े, अविवेकपूर्ण, अति-आत्मविश्वासी हैं और अपने ऊपर सवाल उठाने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ते."

सारकोजी के लिए सबसे बड़ा रोड़ा फ्रांस की अर्थव्यवस्था है जिसे क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने सबसे ऊपर एएए+ से घटाकर एए+ कर दिया है। वर्ष 1981 के बाद पहली बार ऐसा हो सकता है कि फ्रांस का कोई राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल का चुनाव हार जाए।

2) फ्रांस्वा होलांद

सोशलिस्ट पार्टी के अनुभवी नेता की लोग एक ऐसे नेता के रूप में मानते हैं, जिनका सौम्य स्वभाव राष्ट्रपति सारकोजी से बिल्कुल विपरीत है। लेकिन उनके सहयोगी बताते हैं कि उनके नर्म स्वभाव के देश को नेतृत्व देने का पीछे पक्का इरादा छुपा है। लेकिन कुछ लोग उन्हें डोमिनिक स्ट्रॉस कान की जगह आए एक कमजोर उम्मीदवार मान रहे हैं।

उनके राजनीतिक निपुणता पर भी सवाल उठते रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो फ्रांस के सबसे अमीरों पर 75 फीसदी कर लगाएंगे। माना जाता है कि ऐसा उन्होंने अपने पार्टी की सलाह के बगैर कहा था।

3) मरीन ला पेनवो नेशनल फ्रंट की उम्मीदवार हैं जो कि एक दक्षिणपंथी पार्टी है। उन्होंने फ्रांस में गैर कानूनी आप्रवासन के खिलाफ मोर्चा खोला है और इसकी जमकर आलोचना की है।

उन्होंने आप्रवासन की तुलना सूनामी से की है और फ्रांस के 'इस्लामीकरण' पर वो प्रखर हैं। वो अपनी पार्टी को यूरो मुद्रा के खिलाफ और संरक्षणवाद के खिलाफ बताती हैं।

4) शॉं लू मेलेनकॉनवो दशकों से आक्रामक समाजवादी की भूमिका निभा रहे हैं और वामपंथी समर्थित लेफ्ट फ्रंट की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। वो काफी समय तक सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े रहे और मंत्री भी बनें। वर्ष 2008 में उन्होंने लेफ्ट पार्टी का गठन किया, जो दक्षिणी अमरीका की वामपंथी राजनीति से प्ररित है।

वो 'नागरिक क्रांति' की बात करते हैं, जिसके तहत सत्ता का विकेंद्रीयकरण हो और उद्योग का राष्ट्रीयकरण हो। पहले वो यूरोपीय संघ के समर्थक थे लेकिन अब उनका मानना है कि यूरोपीय संघ को आर्थिक उदारतावाद ने बर्बाद कर दिया है। उन्होंने अपनी रैलियों में उम्मीद से ज्यादा भीड़ जुटाई है।

5) फ्रांस्वा बैरूउन्हें फ्रांस की राजनीति का महान मध्यवादी माना जाता है। 2007 के चुनावों के पहले चरण में उन्होंने लगभग 20 फीसदी वोट लेकर सभी को हैरान कर दिया था।

उन्हें फ्रांस का सबसे बड़ा यूरोप समर्थक उम्मीदवार माना जाता है जो किसानों का पक्ष भी लेता है। लेकिन उनके निंदक उन्हें घमंडी और अवसरवादी बताते हैं। उन्हें लंबे समय तक चलने वाली राजनीतिक गठबंधन बनाने में असमर्थ भी माना जाता है।

6) इवा जॉलीद ग्रींस पार्टी की इवा जॉली कठोर राष्ट्रवादियों से धमकी भरे पत्र मिलने और गोली खाने के चलते सुर्खियों में रहीं। नॉर्वे में जन्मी जॉली एक जज रह चुकी हैं। उनकी ग्रीन पार्टी ने सोशलिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन किया है।

बीस साल की उम्र में वो फ्रांस आई और यहीं बस गई लेकिन स्कैंडिनेविया से उन्होंने संबंध बरकरार रखे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी काफी प्रचार किया है।

Posted By: Inextlive