अन्य यूनिवर्सिटी में बेटियों के आगे आने की बात तो समझ आती है लेकिन कृषि महाविद्यालय में भी छात्राएं छात्रों को पछाड़ रही है. ये हमारे लिए गर्व की बात है लेकिन छात्रों के लिए सोचने का विषय है. लडक़ों थोड़ा गंभीर हो जाओ.

कानपुर (ब्यूरो)। अन्य यूनिवर्सिटी में बेटियों के आगे आने की बात तो समझ आती है, लेकिन कृषि महाविद्यालय में भी छात्राएं छात्रों को पछाड़ रही है। ये हमारे लिए गर्व की बात है, लेकिन छात्रों के लिए सोचने का विषय है। लडक़ों थोड़ा गंभीर हो जाओ। 62 मेडल्स में 35 छात्राओं के पास है। यह बात गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी(सीएसए) के 25वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 सालों ऐसा समय आएगा जब पूरे मंच पर महिलाएं ही महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियां संभाल रही होंगी।

छात्राओं को दबदबे पर खुशी
कॉन्वोकेशन में कुल 62 मेडल दिए गए जिसमें छात्रों को 43.55 और छात्राओं को 56.65 फीसदी मिले। गवर्नर आनंदीबेन ने कहा कि कृषि की पढ़ाई कर रहे कई छात्रों के पास अपनी जमीन है। इसलिए अपनी शिक्षा का प्रयोग सबसे पहले उसी जमीन पर करें। उत्पादन को बढ़ाने, कीटनाशक को कम करने के अलावा अन्य प्रयोगों के साथ अपनी पढ़ाई को पूरा करें। सीएसए को एनआईआरएफ में 30 वीं रैंक आने की बधाई दी और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया।

सिर्फ डिग्री न थमाएं विश्वविद्यालय
गवर्नर ने कहा कि विश्वविद्यालयों का काम केवल स्टूडेंट्स को डिग्री थमाना नहीं है। बल्कि ऐसी शिक्षा प्रदान की जाए कि छात्र व्यवसायिक रूप में भी सशक्त होकर निकलें। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि किसी भी संस्थान में जाओ तो वहां के लोग सम्मान स्वरूप मूर्तियां व अन्य वस्तुएं भेंट देते हैं। मुझे अगर तोहफा देना है तो किताबें और स्टेशनरी दो जिससे उनको आगे बच्चों को सौंप सकूं। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिलने वाली किताबों केवल बस्ते में रखी न रह जाएं।
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आंगनबाड़ी से निकले बच्चे यूनिवर्सिटी तक जरूर पहुंचें
आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता 50-50 बच्चों को संभालने की बड़ी जिम्मेदारी निभाती है। छात्रों को एक बार इसमें जाना जरूर चाहिए। आंगनाबड़ी में बच्चों का प्रवेश जरूर दिलाएं। जब तक वहां से बच्चे नहीं आएंगे तो बड़े बड़े भवनों का क्या करेंगे। अभी तक देश के 26 फीसदी युवा ही यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ रहे हैं। 2030 तक इस संख्या को 50 फीसदी करना है। इसके लिए आंगनबाड़ी में छात्रों की संख्या को शत प्रतिशत करना होगा।
मेहनत सफल हुई तो चेहरे पर दिखी खुशी
दिन-रात की मेहनत के बाद जब पदक मिले तो मेधावियों के चेहरे खिलखिला उठे। गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने विभागवार 14 मेधावियों को चांसलर गोल्ड, 14 मेधावियों को यूनिवर्सिटी सिल्वर और 13 मेधावियों को यूनिवर्सिटी ब्रांज मेडल दिया। वहीहं 21 मेधावियों को स्पांसर्ड गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। साथ ही 599 स्टूडेंट्स की डिग्रियां डिजि-लॉकर में डालीं।

शोभायात्रा से हुआ शुभारंभ
कैलाश भवन सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह का शुभारंभ शोभा यात्रा से हुआ। वंदे मातरम के गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ। जीआर चिंताला, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, विधायक सुरेंद्र मैथानी, अर्चना पांडे व वीसी डॉ। आनंद कुमार सिंह ने जल संरक्षण का संदेश देते हुए मटके में जल भरा। यूनिवर्सिटी की ओर से गवर्नर ने नुजीवेदु सीड्स लि। हैदराबाद के अध्यक्ष मंडवा प्रभाकर राव को मानद उपाधि से सम्मानित किया। प्रभाकर राव देश में कृषि से जुड़े विभिन्न उद्योगों से जुड़े हैं। उन्होंने कपास, मक्का, चावल व सब्जियों में कई बेहतर संकर किस्में भी विकसित की हैं।

प्राइमरी के बच्चों को दिए बैग, स्टेशनरी व बुक्स
कार्यक्रम में प्राइमरी स्कूल के बच्चों को स्कूल बैग के साथ स्टेशनरी, कॉपी-किताबें व फल वितरित किया गया। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को खिलौने समेत अन्य जरूरी सामान की किट भेंट की गई, जिसकी कीमत करीब 25 हजार रुपये थी। छात्रा अंशिका शुक्ला व आकाश कुमार कमल को 50-50 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया गया। इस मौके पर रजिस्ट्रार डॉ। पीके उपाध्याय, डॉ। राम बटुक सिंह, डॉ। अजय सिंह, डॉ। खलील खान, डॉ। सीएल मौर्या आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive