सेंट्रल बैैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना के 11 लॉकर से चार करोड़ के जेवर चोरी होने के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण क्लू हाथ लगे हैं. आरोपियों के शातिर दिमाग को देखते हुए पुलिस अब तक मिले इविडेंसेंय पर पूरी गोपनीयता बरत रही है. अब तक की जांच में लॉकर इंचार्ज रहे शुभम मालवीय द्वारा कुछ महीनों में ही करोड़ों की संपत्तियां बनाने का पता भी पुलिस को चला है. पुलिस अब आरोपियों पर गैंगस्टर लगाकर उनके अपराध से अर्जित संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू करने की योजना बना रही है.

कानपुर (ब्यूरो) लॉकर प्रकरण में पुलिस ने 9 अप्रैल को बैंक मैनेजर राम प्रसाद, लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय, लॉकर टेक्नीशियन चंद्रप्रकाश, लॉकर मेंटिनेंस का प्राइवेट मिस्त्री करनराज व राकेश को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी छह दिन की पुलिस रिमांड पर है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इनके ठिकानों पर छापा मारा जा रहा है। रिश्तेदारों के घर भी दबिश डाली जा रही है।

बरामद करने का प्रयास
पुलिस चोरी गए जेवरों को बरामद करने का प्रयास कर रही है। लॉकर कंपनी के कर्मचारी तो सब कुछ बयां कर रहे हैं लेकिन बैंक मैनेजर व लॉकर इंचार्ज ने होंठ सिल लिए हैं। बावजूद इसके पुलिस को अब तक की जांच में बड़े साक्ष्य मिले हैं, जो इन दोनों के शामिल होने की पुष्टि कर रहे हैं। अब तक की जांच यही कह रही है कि शुभम ही मास्टर माइंड है और चोरी के जेवर में सबसे बड़ा हिस्सा उसका ही था। यही वजह है कि उसने चंद महीनों में ही करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली।

लखनऊ के घर की जानकारी
पुलिस को सोमवार को शुभम मालवीय द्वारा लखनऊ में बनवाए जा रहे आलीशान घर के बारे में पता चला था। अब सामने आया है कि शुभम ने अपने पुराने घर को लाखों रुपये खर्च कर रेनोवेट करवाया है। इसके अलावा कई प्लाट भी चोरी के जेवर बेचकर मिली रकम से खरीदे हैं।

सर्राफ नेता के बेटे को उठाया
फीलखाना बैंक के लॉकर से जेवर चोरी होने के मामले में पुलिस ने मंगलवार शाम गोङ्क्षवदनगर स्थित एक सर्राफ के बेटे को हिरासत में ले लिया। यह सर्राफ कमेटी का बड़ा नेता है। बताया जा रहा है कि इसने ही चोरी के जेवर कौडिय़ों के दाम खरीदे। सर्राफ के खिलाफ कुछ दिन पहले ही रतनलाल नगर के एक कारोबारी ने लाखों रुपयों की धोखाधड़ी कर रकम हड़पने का मुकदमा भी दर्ज कराया था।

Posted By: Inextlive