खाकी और खादी के संरक्षण में था गैंगरेप का मास्टमाइंड
-चकेरी में किशारी से गैंगरेप के मुख्यआरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर, सोती रही पुलिस, चार दिन से कर रही थी तलाश करने का दिखावा
KANPUR : चकेरी में किशोरी से गैंगरेप के मामले में फरार चल रहे चौथे आरोपी वीके राजपूत ने पुलिस को चकमा देकर फ्राइडे को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस चार दिन से उसकी तलाश कर रही थी लेकिन आरोपी खाकी और खादी के संरक्षण में था, इस वजह से उसकी अरेस्टिंग नहीं हो पा रही थी। दरअसल टैक्सी स्टैंड चलाने वाले वीके का खाकी से काफी पुराना याराना है और सत्ता पक्ष के दो लोगों को वह स्टैंड चलाने के नाम पर 25-25 हजार रुपये देता था। बस यही गठजोड़ था जिसकी वजह से उसकी अरेस्टिंग नहीं हो सकी। एक सप्ताह पहले हुई थी वारदातचकेरी में बीते सैटरडे दोपहर किशोरी को अगवा कर साहिल सोनकर, मिथुन, राहुल और वीके राजपूत ने उसके साथ गैंगरेप किया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद संडे को ही मिथुन और राहुल को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। जबकि साहिल को पुलिस ने थर्सडे को अरेस्ट किया। जिसके बाद से पुलिस मास्टरमाइंड वीके की तलाश कर रही थी। थाना प्रभारी रवि श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही आरोपी को पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
पहले भी शातिर कर चुके हैं सरेंडर ये पहला मामला नहीं है जिसमें शातिर ने पुलिस को धोखा देकर सरेंडर किया हो। इसके पहले भी बेकनगंज की हवालात से फरार शातिर चोर जुगनू ने पुलिस की आंखों में धूल झोंककर सरेंडर कर दिया था। वहीं पिंटू सेंगर हत्याकांड में महफूज अख्तर और सऊद अख्तर ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। कटरी मामले में प्रधान के बेटे और बिकरू कांड में उमाशंकर ने भी कोर्ट में सरेंडर किया था। कुछ चुभते हुए सवाल - 24 घंटे पहले पड़ी सरेंडर एप्लीकेशन पर भी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। - पुलिस ने एफआईआर में वे स्थान नहीं दिखाए, जहां वारदात की गई। - पुलिस ने वारदात में यूज वीके राजपूत की स्कॉर्पियो को मुकदमे में शामिल नहीं किया। - जिस कैफे से चारों लोग एक साथ गए, उस कैफे की जानकारी भी नहीं दी गई। - जिन घरों में वारदात को अंजाम दिया गया। उन परिवार वालों को सहआरोपी नहीं बनाया। - वीके राजपूत पर खादी और खाकी का संरक्षण है, ये बात पूरी तरह साफ हो चुकी है