मीटर-बिलिंग में खेल, केस्को हो गया फेल
कानपुर (ब्यूरो) दरअसल यह रैकेट अधिक बिजली खर्च वाले कन्ज्यूमर्स को अपना शिकार बनाता है। बिल आधा कर देने और फिर मीटर बदलवा देने का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसाता है। आधी खपत का बिल जेनरेट कर उन्हें अपने जाल में पूरी तरह से फांस लेता है। कन्ज्यूमर हर महीने हजारों रूपए बचते देखकर उनके जाल में फंस जाते हैं। इसकी एवज हर महीने यह रैकेट कन्ज्यूमर्स से बचे हुए बिल का 10 परसेंट तक वसूलते हैं। जब मीटर में हजारों यूनिट स्टोर रीडिंग हो जाती है तो केस्को इम्प्लाइज से मिलीभगत कर मीटर बदलवा देता है। हालांकि इस फर्जीवाड़ा की एवज में यह रैकेट कन्ज्यूमर से अवैध वसूली करता है। पहले ही जाल में फंस चुका कन्ज्यूमर कार्रवाई के डर से अवैध वसूली भरने को मजबूर रहता है।
मीटरों का मिला फर्जीवाड़ा
सैटरडे को बिजली चोरी की शिकायत पर पूर्व मीटर रीडर मनीष भïट्ट के किदवई स्थित घर पर छापा मारा था। जिसमें बिलिंग मशीन, दर्जनों की संख्या में बिल और मीटर मिले। वहां मिले बिलों के बेस पर केस्को टीम ने जांच की तो 19 लाख की 1.79 लाख यूनिट बिजली स्टोर मिली। इसके साथ ही 20 कन्ज्यूमर्स के यहां लगे मीटर के नंबर बिलिंग मास्टर से मिसमैच मिले। मीटर नंबर के बेस पर इनकी जांच टेस्ट डिवीजन की टीम कर रही है। इससे पहले विकास नगर से जुड़े इंदिरा नगर में कबाड़ी की दुकान में भी केस्को के मीटर मिले थे जिस पर मुकदमा दर्ज कराया गया था
केस्को के सर्वोदय नगर डिवीजन में सामने आया था। फर्जीवाड़ा कर बदले गए चार कम रीङ्क्षडग वाले मीटर पकड़े गए थे। इसका खुला भी एम फार्म से मीटरों का मिलान से हुआ था। एक संविदा कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के बाद जांच में खानापूरी कर दी गई। इसके बाद जाजमऊ डिवीजन में भी फर्जीवाड़ा कर दो बदले हुए मीटर पकड़े गए थे। इस प्रकरण में केवल मीटर रीडर के खिलाफ कार्रवाई की गई। दोनों ही डिवीजनों में फर्जी मीटर पकड़े जाने की जांच में खानापूरी से फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट नए कारनामों का अंजाम दे रहा है।
नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
स्टोर रीडिंग के मामले में मीटर रीङ्क्षडग कंपनी ने थाना बर्रा में दो मीटर रीडर नितेश पाल व आशुतोष शर्मा के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया है। थाना बर्रा के कार्यवाहक प्रभारी रजनीश यादव ने कहा कि की जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। केस्को के पीआरओ सीएसबी अंबेडकर ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। कन्ज्यूमर की जांच के लिए 8 टीमें लगाई है। टेस्ट, डिस्ट्रिब्यूशन के इंजीनियर कर रहे हैं। फर्जीवाड़ा करने वालों के एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है।