फ्रॉस्ट इंटरनेशनल पर और कसेगा शिकंजा
- 3590 करोड़ रुपए के लोन की धोखाधड़ी करने वाली फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी के प्रमोटर्स पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
-मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज मामले में ईडी तेज करेगी इनवेस्टिगेशन, गोवा के माइनिंग घोटाले में भी कर चुकी है पूछताछKANPUR: साढ़े तीन हजार करोड़ से ज्यादा के लोन धोखाधड़ी के मामले में फ्रॉस्ट इंटरनेशनल की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं। कंपनी के प्रमोटर्स पर मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। देश की सबसे बड़ी बैकिंग धोखाधड़ी में से एक इस मामले में ईडी के पास कंपनी का काफी पुराना कच्चा चिट्ठा पहले से ही है। कंपनी के प्रमोटर्स से वह गोवा माइनिंग स्कैम में दर्ज किए मनी लॉड्रिंग के केस में पूछताछ कर चुकी है। ऐसे में कंपनी के फाइनेंशियल ट्रांजक्शंस की गड़बडि़यों से ईडी कई सालों से वाकिफ है। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल आफिस के अधिकारी लगातार फ्रॉस्ट इंटरनेशनल से जुड़े बैकिंग ट्रांजक्शंस की जांच कर रहे हैं। इसके अलावा कई लोन देने वाले बैंकों के कई ऑफिसर्स से भी पूछताछ के लिए उनकी लिस्ट तैयार कर रही है।
और मामले हो सकते हैं दर्जफ्रॉस्ट इंटरनेशनल की लोन धोखाधड़ी पर बैंक ऑफ इंडिया की ओर से शिकायत के बाद सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की थी। फ्रॉस्ट इंटरनेशनल को कुल 14 बैंकों के लोन चुकाने थे, लेकिन कंपनी के सारे खाते एनपीए हो गए। अब दूसरे बैंक भी इस बाबत शिकायत दर्ज करने की तैयारी में हैं। हांलाकि इस पूरे मामले में बैंकों के कई सीनियर ऑफिसर्स पहले ही शक के घेरे में हैं। क्योंकि लोन के लिए जिन संपत्तियों को दिखाया गया था उनका वैल्युवेशन बेहद कम था। बैंकों की ओर से जो एलओसी (लेटर ऑफ क्रेडिट) जारी किए गए। उन पर भी कई सीनियर बैंक ऑफिसर्स निशाने पर हैं।
फंड डायवर्जन पर नजर फ्रॉस्ट इंटरनेशनल ने बैंकों से लोन के जरिए हजारों करोड़ की जो रकम जुटाई उसका इनवेस्टमेंट कहा किया यह ईडी और सीबीआई दोनों की जांच में अहम प्वाइंट है। सूत्रों की माने तो जांच में यह भी सामने आया है कि काफी फंड विदेशी खातों में भी डायवर्ट हुआ। कई बेहद संदिग्ध लेनदेन भी जांच के घेरे में हैं। मालूम हो कि सीबीआई ने लोन धोखाधड़ी में फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के प्रमोटर्स समेत लोन में गारंटी देने वाली कई कंपनियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। माइनिंग घोटाले में भी आया नामगोवा में 2014 में हुए माइनिंग स्कैम में भी ईडी ने मामला दर्ज किया था। लौह अयस्क को एक्सपोर्ट करने वाली 16 कंपनियों के खिलाफ ईडी ने नोटिस जारी उनके ट्रांजक्शंस पर गहन पड़ताल की थी। उस 16 कंपनियों में फ्रॉस्ट इंटरनेशनल भी शामिल थी। उस वक्त घोटाले की जांच कर रही गोवा की क्राइम ब्रांच ने फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। आरोप था कि कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए चीन को 1.35 लाख मिट्रिक टन लौह अयस्क एक्सपोर्ट किया।