चीन में सत्ता के दावेदार
शी जिनपिंग
उन्हें एक मुंहफट नेता के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने वर्ष 2004 में अधिकारियों को कसम दिलाई थी कि वो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पद का इस्तेमाल नहीं करेंगे।ली केचियांग
ली केचियांग मजदूरी करते-करते पार्टी के प्रांतीय प्रमुख बन गए और अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अगले नेता बनने की दौड़ में शामिल हैं। ली केचियांग को चीन के अपेक्षाकृत वंचित लोगों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए जाना जाता है, शायद यही उनके आगे बढ़ने की वजह है। वे राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी हैं। उन्होंने पार्टी की युवा इकाई में काम किया है। उम्मीद है कि वे चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की जगह लेंगे।वर्ष 1955 में अनहुई प्रांत में जन्मे ली केचियांग के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक स्थानीय पार्टी नेता बनने का अपने पिता का प्रस्ताव नहीं माना था और इसके बजाये बीजिंग की प्रख्यात यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करना पसंद किया था। उन्हें वर्ष 1998 में हेनान प्रांत में पार्टी का उप सचिव चुना गया और एक वर्ष बाद वे चीन के सबसे कम उम्र के प्रांतीय गर्वनर बने। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान प्रांत में कई जगह आग लगने और दूषित रक्त के जरिये एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़े जिससे उनकी छवि को गहरा धक्का लगा।वांग कीशान
पश्चिम के नेता वांग किशान के नाम से परिचित हैं क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था पर उन्होंने खूब चर्चा की है। उन्होंने अमरीका के साथ चीन के आर्थिक संबंधों पर भी काम किया है। उनके समर्थकों का मानना है कि वे ली केचियांग के मुकाबले बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे। वांग को राजनीति विरासत में मिली है। वे एक आला अधिकारी के पुत्र हैं। उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री याओ यिलिन की पुत्री से विवाह किया है।शेनडोंग के चिंगडाओ में जन्मे वांग ने नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी से इतिहास का अध्ययन किया और फिर एक शोधकर्ता के तौर पर काम किया। वे अपेक्षाकृत देरी से पार्टी से जुड़े। तब उनकी उम्र35 वर्ष थी। वर्ष 2004 में बीजिंग का मेयर बनने से पहले उन्होंने एक बैंकर के तौर पर काम किया।
बो शिलाई के पतन के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ने जांग डेजियांग को वर्ष 2012 में बड़ी अहम जिम्मेदारी के लिए चुना। उन्हें चोंगचिन में पार्टी का प्रमुख बनाया गया। जहां चीन के ज्यादातर नये नेताओं का पश्चिम से संवाद रहा है, वहीं जांग डेजियांग चीन के सबसे पुराने सहयोगी उत्तर कोरिया के मामलों के जानकार हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र के अध्ययन के लिए प्योंगयांग में दो वर्ष भी बिताए।उनका कार्यकाल विवादास्पद रहा है। साल 2002 में निमोनिया का घातक प्रकार सार्स जब फैला तो उसकी रोकथाम के प्रति उनकी सरकार के रूख की आलोचना हुई। प्रांत में पार्टी प्रमुख होने के नाते उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों के प्रति उनके कड़े रवैये को पसंद नहीं किया गया। उनकी छवि सुधारक की नहीं है, उन्होंने व्यापारियों को पार्टी में शामिल करने का विरोध किया।
ली यांगडोंग चीन के 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की एकमात्र महिला सदस्य है। संभावना कम है, लेकिन हो सकता है कि उन्हें चीन की सर्वशक्तिमान पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में लाया जाए। ज्यांग्सू में जन्मीं लियू यांगडोंग को भी राजनीति की समझ विरासत में मिली है। उनके पिता उप कृषिमंत्री थे जिनके बारे में कहा जाता है कि पूर्व राष्ट्रपति जियांग ज़ेमिन को वे भी कम्युनिस्ट पार्टी में लाए थे।
लियू ने मौजूदा राष्ट्रपति हू जिंताओ की तरह चिंगख्वा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। उन्होंने पार्टी की युवा इकाई में जिनताओ के सहायक के तौर पर भी काम किया। बाद में उन्होंने चीन की ही रेनमिन यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। उनकी छवि शांत स्वभाव और कड़ी मेहनत करने वाले नेता की है।लियू यूनशेन55 वर्षीय लियू यूनशेन पार्टी की प्रचार इकाई की प्रमुख हैं जो देश के मीडिया और इंटरनेट संबंधी नीतियों पर कड़ा नियंत्रण रखती है। उन्होंने वर्ष 1968 से लगभग तीन दशक तक मंगोलिया में काम किया। वहां उन्हें युवा होने के नाते कम्यून में काम करने के लिए भेजा गया था। वे बाद में शिन्हुआ समाचार एजेंसी के संवाददाता भी बने। वे जनसम्पर्क के विशेषज्ञ हैं। उन्हें पार्टी में उप सचिव का ओहदा दिया गया।शिन्झोउ, शान्सी में जन्मे लियू वर्ष 1971 में पार्टी में शामिल हुए। वे पार्टी स्कूल से ही स्नातक हैं। पार्टी की युवक इकाई में उन्होंने राष्ट्रपति हू जिनताओ के साथ काम किया है। उन्हें जिनताओ का करीबी सहयोगी माना जाता है।यू झेंगशेंग