दोस्ती अब इम्तिहान नहीं, जान लेती है...
कानपुर (ब्यूरो) | दोस्ती इम्तिहान लेती हैनसीब मूवी की गाने के ये बोल वक्त के साथ बदल गए हैं। दरअसल, दोस्ती अब जान ले रही है। मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र का है। यहां 2 मई को लापता युवक का शव 18 मई को गंगा में मिला। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी गई। इस बीच युवक का एक दोस्त शव बरामदगी से लेकर अंतिम संस्कार तक साथ रहा। वह लगातार पुलिस पर मर्डर के खुलासे का दबाव बनाता रहा, लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला वही दोस्त ही युवक का कातिल है। पता पिता को गाली देने पर उसी ने हत्या की है। फिलहाल पुलिस ने हत्यारोपी दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ये है पूरा मामला
शिवदीनपुरवा निवासी सुरेंद्र 2 मई को शाम घर से निकला था। उसके बाद से उसका पता नहीं चला था। परिवार वालों ने काफी तलाश के बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 18 मई को गंगा किनारे एक शव मिला। सूचना पर पहुंंचे परिवार वालों ने कपड़े, कटी अंगुली और टैटू से शव की पहचान सुरेंद्र के रूप में की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह का पता नहीं चल सका।
इस तरह से हुआ हत्या का खुलासा
पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सुरेंद्र मोबाइल यूज नहीं करता था। लिहाजा मर्डर की जांच ब्लाइंड मर्डर की ओर जा रही थी। डीसीपी सेंट्रल आर एस गौतम केस की मॉनीटरिंग कर रहे थे। एसीपी महेश कुमार और इंस्पेक्टर नवाबगंज दीनानाथ की टीम भी लगी थी। पुलिस ने मैनुअल इनवेस्टिगेशन शुरू की। पता चला कि सुरेंद्र को उसका एक दोस्त बाइक में लौकी लदवाने ले गया था। उस दोस्त ने बताया कि उसने सुरेंद्र को कन्हैया के साथ छोड़ दिया था। पुलिस ने कन्हैया से पूछताछ की तो वह मुकर गया। कन्हैया शव मिलने से लेकर अंतिम संस्कार तक सुरेंद्र के परिवार वालों और पुलिस के सामने था लिहाजा उस पर किसी को शक नहीं हुआ।
इस तरह से की थी हत्या
पुलिस ने कन्हैया को अरेस्ट किया और सख्ती से पूछताछ की तो अपना जुर्म कबूल किया। कन्हैया ने बताया कि जब सुरेंद्र उसके पास आया तो वह शराब के नशे में था। सुरेंद्र ने उसे और उसके पिता सुक्खे को गाली गलौज शुरू कर दी, जिससे वह गुस्से में आ गया। दोनों लोग शराब के नशे में थे, तेज आवाज में गाली गलौज और मारपीट हुई। इसी बीच कन्हैया ने सुरेंद्र को धक्का दे दिया, जिससे वह गंगा में लगभग 25 फीट की गहराई में चला गया। काफी तलाशने पर भी वह नहीं मिला तो वह अपनी झोपड़ी में चला गया। रात साढ़े तीन बजे फिर नाव से जब सुरेंद्र की तलाश की तो उसे कुछ दूरी पर शव उतराता मिल गया। उसने रस्सी से सुरेंद्र के हाथ पांव बांधे और रस्सी का एक टुकड़ा रख लिया।
कन्हैया ने पुलिस को बताया कि राजेश और श्री कृष्ण की झोपड़ी उसकी झोपड़ी के पास ही थी। उसने रस्सी का टुकड़ा उनकी झोपड़ी में उन्हें फंसाने के लिए छोड़ दिया। दरअसल कन्हैया ने पुलिस को बताया कि छह महीने पहले सुरेंद्र ने राजेश का हाथ तोड़ दिया था। उसका सोचना था कि रस्सी राजेश और श्री कृष्ण के घर में मिलने पर पुलिस का शक दोनों पर जाएगा, उसका बदला भी पूरा हो जाएगा और सुरेंद्र भी रास्ते से हट जाएगा।
सुरेंद्र की हत्या का खुलासा कर पुलिस ने उसके दोस्त कन्हैया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
आर एस गौतम, डीसीपी सेंट्रल