हमीरपुर में हत्यारोपी को कल्पवृक्ष की परिक्रमा और काली माई के दर्शन कराने के दौरान चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. आरोपियों की हथकड़ी खोलकर दर्शन कराने का वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ था. गाड़ी का नंबर यूपी-71 देखकर फतेहपुर का अनुमान लगाया गया. देर शाम तक हमीरपुर और फतेहपुर के एसपी ने गाड़ी अपने जिले की न होने की बात बताई. बुधवार को कानपुर पुलिस को वीडियो की जानकारी हुई तो पता चला कि गाड़ी कानपुर पुलिस लाइन की है. कानपुर जेल से मौदहा हमीरपुर निवासी लाला सफाक को पुलिसलाइन से गारद लेकर हमीरपुर कोर्ट पेशी पर ले गई थी.


कानपुर (ब्यूरो) वज्र संख्या यूपी-71 जी 0091 से चालक हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, हेड कांस्टेबल गणेश यादव व हेड कांस्टेबल उपदेश यादव क्रिमिल लाला सफाक को हमीरपुर लेकर गए थे। पेशी होने के बाद ये चारों पुलिसकर्मी लाला सफाक के साथ स्थानीय मंदिर में चले गए। दर्शन करने के बाद वे वापस आ गए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने चारों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिए गए।

सात साल से कानपुर जेल में
मौदहा हमीरपुर निवासी लाला सफाक कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है। हत्या के केस में वह सजायाफ्ता है। 2015 में प्रशासनिक आधार पर उसको कानपुर जेल में शिफ्ट किया गया था। सोमवार को हमीरपुर कोर्ट में उसकी पेशी थी। इसलिए पुलिस लाइन से गारद उसको लेकर हमीरपुर गई थी। वायरल वीडियो में वज्र वाहन से कोर्ट की पेशी पर लाए गए बंदी की हथकड़ी खोलकर पुलिस सिपाही कल्पवृक्ष के दर्शन कराते नजर आए। कालीमाई मंदिर के भी दर्शन कराए। बिना हथकड़ी घूम रहे बंदी का वीडियो वायरल होने पर सिपाहियों की लापरवाही उजागर हुई तो महकमे में खलबली मच गई।

Posted By: Inextlive