डॉयल-112 की वसूली का पर्चा बना रहा दिन भर चर्चा
कानपुर (ब्यूरो) वायरल पर्चे में लिखा है कि डॉयल-112 में तैनात पुलिसकर्मियों से डेढ़ साल से वसूली की जा रही है। डॉयल-112 में तैनात पूर्व एसपी ने वसूली की शुरुआत की थी। उनकी शह पर डॉयल-112 में तैनात दरोगा पुलिसकर्मियों से वसूली करता था। यूपी-112 में बीते छह महीने से प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं हो रही है, लेकिन कानपुर के एसपी डॉयल-112 ने वसूली की इंतेहा कर दी है। इससे परेशान होकर परेशान पुलिसकर्मियों ने वसूली के सिंडीकेट का खुलासा करने के लिए बीजेपी कार्यालय साउथ, हाईवे पर सैकड़ों पर्चे चस्पा कर दिये। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल उसे कर दिया।
पर्चे में यह आरोप लगाए
- पीआरवी का औचक निरीक्षण करके जरा सी भी लापरवाही मिलने पर कम से कम रोजाना दो से तीन गाडिय़ों की रपट लिखाई जाती है।
- इसके बाद जीडी मुंशी कैरेक्टर रोल खराब करने की धमकी देता है और प्रति व्यक्ति 10 से 15 हजार रुपए लेता है
- पीआरवी पर तैनाती के नाम पर 20 से 30 हजार रुपए की वसूली एसपी के खास दरोगा करते हैैं
- डॉयल-112 के एसपी अपने खास लोगों से पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मियों का वीडियो बनवाते हैैं और कंप्लेन कराते हैैं।
- जांच में क्लीनचिट के नाम पर 10 से 15 हजार रुपए की वसूली और उनकी जगह नए पुलिसकर्मियों की तैनाती पर 20 से 30 हजार की वसूली की जाती है
इसके साथ ही एसपी डॉयल-112 पर हाईवे पर मोटी वसूली कराने का भी गंभीर आरोप लगा है। वायरल पर्चे में लिखा है कि बिल्हौर, घाटमपुर, सचेंडी और महाराजपुर में हाईवे पर पीआरवी से रोजाना लाखों रुपए की वसूली कराई जाती है। जीडी प्रभारी दरोगा समेत दो दारोगा हाईवे पर तैनात पीआरवी से रोजाना 30 से 40 हजार रुपए की वसूली का हिसाब लेते हैं। आरोप है कि डॉयल-112 में तैनात दो दारोगा और रपट मुंशी मिलकर पूरा वसूली का सिंडीकेट चला रहे हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर भी मोटी वसूली
वायरल पर्चे में पुलिसकर्मियों ने अपना दर्द लिखा है कि पुलिसकर्मियों का दर्द बस इतना है कि जहां रहते हैं उसके 10 किमी। के दायरे में ड्यूटी करना चाहते हैं। सिर्फ इसके लिए भी मोटी वसूली की जा रही है। इतना ही नहीं छह महीने अभी पूरे नहीं हुए हैं और ट्रांसफर लिस्ट तैयार होने लगी है। लोगों से वसूली करके मनचाही पोस्टिंग का खेल शुरू हो गया है।
&& सोशल मीडिया पर वायरल यूपी-112 कानपुर के संदर्भ में लिखे हुए पर्चे को संज्ञान में लिया गया है। इस मामले में शासन को भी पत्र भेजा जा चुका है। पीआरवी के पुलिस कर्मियों से वसूली के आरोप की जांच डीसीपी मुख्यालय रवीना त्यागी को दी गई है। इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया है कि जांच त्वरित, प्रभावी एवं पारदर्शी तरीके से हो ताकि सही एवं प्रभावी कार्यवाही अविलम्ब की जा सके.&य&य
बीपी जोगदंड, पुलिस कमिश्नर