- प्रदेश की चौथी फोरेंसिक लैब कानपुर में बनाने के प्रस्ताव को शासन से मिली मंजूरी, जल्द मिलेगा बजट

-एक दर्जन से ज्यादा जांचों में मिलेगा पुलिस को सहयोग, रिपोर्ट मे इंतजार में महीनों पेंडिंग नहीं रहेंगे मामले

- प्रदेश की चौथी फोरेंसिक लैब कानपुर में बनाने के प्रस्ताव को शासन से मिली मंजूरी, जल्द मिलेगा बजट

-एक दर्जन से ज्यादा जांचों में मिलेगा पुलिस को सहयोग, रिपोर्ट मे इंतजार में महीनों पेंडिंग नहीं रहेंगे मामले

kanpurkanpur@inext.co.in

kanpur: फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के इंतजार में अब संगीन अपराध वाले मामले लंबे समय तक पेंडिंग नहीं रहेंगे। फटाफट रिपोर्ट आएगी और पुलिस की जांच भी समय पर पूरी होगी। जिससे पीडि़तों को न्याय की आस में अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। क्योंकि फोरेंसिक लैब अब अपने ही शहर में होगी। शासन ने मेरठ, लखनऊ और मुरादाबाद के बाद कानपुर में चौथी फॉरेंसिक लैब के लिए प्रस्ताव पास कर दिया है। क्ख् करोड़ की लागत से ये लैब तैयार की जाएगी।

कई जिलों से आते सैम्पल

शहर में संगीन अपराधों से जुड़े सैकड़ों मामले पेंडिंग पड़े हैं। पीडि़त लगातार विवेचक से लेकर सीनियर ऑफिसर्स के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि ऑफिसर्स को इनके साथ हमदर्दी नहीं है या विवेचक इन मुकदमों को पेंडिंग रखना चाहता है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के इंतजार में जांच लंबी खिंच जाती है। जांच के लिए सैम्पल लखनऊ और मेरठ भेजे जाते हैं। जहां अन्य जिलों से भी सैम्पल आने के कारण जांच में लंबा समय लगता है। कभी कभी तो सैम्पल भी खराब हो जाता है। स्थिति को देखते हुए शासन ने कानपुर में फोरेंसिक लैब के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

खराब होने का भी डर

पोस्टमार्टम के बाद जो भी सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है। उसे पूरी तरह से सील करके थर्मोकोल के डिब्बे में पैक किया जाता है। फिर इसे जांच के लिए भेजा जाता है। जो पुलिसकर्मी इसे लेकर जाता है, कभी-कभी उसकी लापरवाही से सैंपल फैल जाता था। पुलिसकर्मी सैंपल की एंट्री कराने के बाद आ जाते थे। लैब में बेहतर रखरखाव न होने की वजह से सैंपल खराब हो जाता है। कुछ सैंपल्स को फ्रीजर में रखा जाता है, तभी वे सेफ रहते हैं।

तेजी से बढ़ी सैंपल्स की संख्या

लैब में इन दिनों सैंपल्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। कर्मचारियों की मानें तो कोविड की वजह से लगातार सैंपल्स की संख्या बढ़ती गई। जबकि स्टाफ की कमी की वजह से जांचें पूरी नहीं हो पा रही थीं। इसी बीच कुछ स्टाफ का ट्रांसफर भी कर दिया गया। जिससे जांचों पर प्रभाव पड़ा। कर्मचारियों के मुताबिक इस बीच सीनियर ऑफिसर्स के रिमाइंडर्स पर भी ध्यान दिया जाता था।

इन जांचों की जल्दी मिलेगी रिपोर्ट

- विसरा, नेल्स, हेयर, सलाइवा, लिप रेसीड, नॉस्ट्रिल्स, ईयर एंड नोज रेसीड जांच, थ्रोटल जांच।

- सुसाइड और रेप के मामलों में अंडरगार्मेट टेस्ट

- कार्टिज जांच, बैलिस्टिक परीक्षण, बट स्पॉट्स जांच।

- मानव की आवाज का परीक्षण, रिकार्डिग का परीक्षण

- ब्लड सैंपलस जांच, स्पॉट से मिले फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट की जांच।

- हस्तलेख मिलान, कंपयूटर स्क्रिप्ट मिलान।

- हादसे के मामलों में स्किट साइन टेस्ट, ब्लड टेस्ट

- जघन्य हत्या के मामलों में वुंड टेस्ट (थिकनेस एंड वेपन लेंथ)

इन जिलों की जांचों में मिलेगी मदद

कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, फतेहगढ़, फर्रुखाबाद, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा, औरैया, उन्नाव, इटावा, एटा, हमीरपुर हरदोई।

इतना स्टाफ किया जाएगा तैनात

एक डायरेक्टर स्तर के अधिकारी की तैनाती रहेगी। इनके नीचे तीन डॉक्टर तैनात रहेंगे। नौ लैब असिस्टेंट और करीब छह कर्मचारी रहेंगे। तीन चपरासी, तीन सिक्यूरिटी गार्ड, तीन रिसेप्शनिस्ट और चार कर्मचारी ख्ब् घंटे रसोई में मौजूद रहेंगे। यहां हर किसी का आना जाना वि1र्जत रहेगा।

इन मामलों में है रिपोर्ट का इंतजार

- एक साल पहले ट्रांसपोर्ट नगर में मुंशी का कत्ल।

- एक साल पहले बाबूपुरवा में वेलकम गर्ल का मर्डर।

- छह महीने पहले स्वरूप नगर में कारोबारी की मौत।

- शहर का चर्चित इंजीनियर आरजू हत्याकांड।

- बिधनू का मधू शुक्ला हत्याकांड।

- बर्रा में युवती से गैंगरेप के बाद हत्या का मामला

शासन से प्रस्ताव पास हो गया है, जल्द ही जगह देखकर इसकी योजना बनाई जाएगी। इससे कानपुर मंडल और आसपास के जिलों की इनवेस्टिगेशन में मदद मिलेगी।

डॉ। आनंद शर्मा, लैब ऑफिसर लखनऊ

Posted By: Inextlive