डीएल चाहिए तो अगले साल आइए, 48 घंटे में 12600 स्लॉट बुक
- लर्निग डीएल स्लॉट के लिए 70 दिन की हुई वेटिंग, 8 जनवरी 2021 तक सभी स्लॉट हो चुकी हैं फुल
-तीन दिन पहले ही डेली स्लॉट 120 से बढ़ाकर की गई थीं 300, ई-चालान व जुर्माना बढ़ने से आ रही डीएल की यादKANPUR: अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं तो जान लीजिए अब इस साल तो डीएल नहीं बन पाएगा। क्योंकि 8 जनवरी 2021 तक की लर्निग डीएल की सभी स्लॉट बुक हो गई हैं। ट्यूजडे को लर्निग डीएल के लिए एप्लाई करने वाले अप्लीकेंट्स को 8 जनवरी की डेट दी गई। आरटीओ आफिसर्स के मुताबिक लर्निग डीएल के एप्लीकेंट्स की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। इसलिए स्लॉट की वेटिंग बढ़ती जा रही हैं। तीन दिन पहले लर्निग डीएल की डेली स्लॉट 120 से 300 की गई थीं। इसके बाद महज 48 घंटे में ही 12,600 स्लॉट बुक हो चुकी हैं।
चालान के डर ने किया अवेयरआरटीओ आफिसर्स के मुताबिक बीते वर्ष के सितंबर मंथ से ही ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने ई-चालान पर जोर देना शुरू कर दिया था। जिसको अप्रैल 2020 में ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने मैनुअल चालान बंद कर दिए। इससे जहां चालान कई गुना बढ़े, वहीं लोग व्हीकल के सभी पेपर व डीएल को लेकर भी अवेयर हो रहे हैं।
इसलिए लंबी वेटिंग चल रही एसटीपी बसंत लाल ने बताया कि शासन ने जुर्माना कई गुना बढ़ा दिया है। डीएल को लेकर पहले 300 व 500 रुपए जुर्माना था। नए नियम के बाद अब बिना डीएल व्हीकल ड्राइविंग करते पकड़े जाने पर 5 हजार रुपए जुर्माना है। जुर्माना बढ़ने व ई-चालान होने से ही डीएल बनवाने वालों की संख्या बढ़ी है.उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में डीएल का काम बंद होने व अभी तक डेली स्लॉट नार्मल दिनों की अपेक्षा 40 परसेंट होने से भी लर्निग डीएल बनवाने वालों की लंबी वेटिंग चल रही है। अपराध - पहले पेनॉल्टी- अब पेनॉल्टी प्रदूषण 2 हजार 10 हजार डीएल 500 5 हजार बीमा 500 2 हजार सीट बेल्ट 500 1 हजार हेल्मेट 300 1 हजारडेटा पर एक नजर
- 70 दिन आगे की वेटिंग चल रही
- 300 स्लॉट लर्निग डीएल की हो चुकी है - 120 स्लॉट डेली लर्निग डीएल की थी कोरोना काल में - 08 जनवरी 2021 की स्लॉट ट्यूजडे को एप्लीकेंट्स को मिली '' कोरोना काल में डीएल का काम बंद था। वहीं ई-चालान होने व जुर्माना बढ़ने से कानपुराइट्स ट्रैफिक रूल्स के प्रति व व्हीकल के डाक्यूमेंट्स पूरे करने को लेकर अवेयर हुए हैं। यहीं कारण है कि डीएल की स्लॉट बढ़ाने के बावजूद कुछ घंटों में ही सभी स्लॉट बुक हो जा रही हैं.'' संजय सिंह, आरटीओ प्रशासन