फुट पेट्रोलिंग के नाम पर खानापूर्ति करने वाले पुलिसकर्मियों की शामत आने वाली है. दरअसल फुट पेट्रोलिंग से क्राइम रोकने की कवायद के आदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने किए थे. जिसके बाद थाना पुलिस और सीनियर ऑफिसर्स फुट पेट्रोलिंग करने के साथ अपनी सेल्फी भेज कर फॉर्मेलिटी कर रहे थे. जिसकी शिकायत मुख्यालय तक पहुंच गई. इस पर यूपी पुलिस की टेक्निकल विंग को निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने को कहा गया था जो अब तैयार हो गया है. फुट पेट्रोङ्क्षलग पोर्टल के जरिए प्रदेश के सभी थानाक्षेत्रों में रोजाना होने वाली पैदल गश्त का पूरा डिटेल रखा जाएगा. गृह विभाग थानावार इसकी नियमित समीक्षा भी करेगा.

कानपुर (ब्यूरो) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों में रोजाना शाम को बाजारों व भीड़भाड़ वाले स्थानों में पुलिस की पैदल गश्त का निर्देश दिया था। थानास्तर पर इसका कितना अनुपालन हो रहा है, इसकी अब ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। लोक भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फुट पेट्रोङ्क्षलग पोर्टल के लिए अब तक किये गए कार्यों की समीक्षा की गई। सीनियर ऑफिसर्स के मुताबिक तकनीकी सेवा शाखा ने फुट पेट्रोङ्क्षलग पोर्टल को विकसित किया है। इसके माध्यम से हर जिले में प्रतिदिन थानावार फुट पेट्रोङ्क्षलग की सूचना, कार्रवाई व फोटो अपलोड किये जाने की व्यवस्था की गई है।

डाटा करेक्शन की सुविधा
पोर्टल पुलिस के स्टेट डेटा सेंटर में होस्टेड है। इसे सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेङ्क्षकग नेटवर्क एंड सिस्टम) साफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया गया है। पोर्टल प्रयोग करने में सरल व सहज है और इसमें फोटोयुक्त एकल पृष्ठ डेटा प्रविष्टि की सुविधा है। थाना स्तर के अनुरोध पर एसपी लेवल के अधिकारी के अनुमोदन के बाद केवल उसी दिन के लिए डाटा को संशोधित करने की सुविधा भी दी गई है। पोर्टल का उपयोग कर गश्त करने व गश्त न करने वाले थानों की रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। इसके माध्यम से दैनिक, साप्ताहिक, मासिक व अब तक हुई प्रगति की जानकारी भी की जा सकेगी।

एक साल तक सुरक्षित
अपर मुख्य सचिव, गृह ने पोर्टल में स्वयं जनित ईमेल से संबंधित अधिकारियों को हर माह सूचना भेजने की व्यवस्था भी सुनिश्चित किये जाने का निर्देश दिया है। कहा है कि हर महीने अपलोड होने वाली फोटो का डाटा भी कम से कम एक साल सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए। एडीजी टेक्निकल सर्विसेस मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस पोर्टल से आम जनता तक पुलिस की पहुंच बढ़ेगी और क्रिमिनल्स में पुलिस का भय होगा।

-पोर्टल पुलिस के स्टेट डेटा सेंटर में होस्टेड
-सीसीटीएनएस साफ्टवेयर के साथ किया लिंक
- पेट्रोङ्क्षलग की सूचना, कार्रवाई व फोटो अपलोड की सुविधा
-थानावार तैयार होगी गश्त की डेली रिपोर्ट
-कम से कम एक साल सुरक्षित रहेगा डेटा
-आम जनता तक बढ़ेगी पुलिस की पहुंच

Posted By: Inextlive