मिलावटी ऑयल से बने फूड से बच्चों हो रहा डायरिया और ज्वाइंडिस
कानपुर (ब्यूरो)। मौसम के बढ़ते टम्प्रेचर की वजह से मौसमी बीमारियों ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में जहां हैलट की मेडिसिन डिपार्टमेंट में बड़ी संख्या में मौसमी बुखार, जुकाम व खांसी के पेशेंट पहुंच रहे हैं। वहीं पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में इन दिनों डायरिया व ज्वाइंडिस के पेशेंट नार्मल दिनों की अपेक्षा काफी बढ़े हैं। हैलट की पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की इमरजेंसी में डेली चार से पांच बच्चे डायरिया के गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं। वहीं ज्वाइंडिस के हर सप्ताह चार से पांच पेशेंट गंभीर हालात में भर्ती हो रहे हैं। जिनकी संख्या नार्मल डेज में सप्ताह में एक से दो होती है।
पेट दर्द व भूख न लगने की शिकायत
हैलट हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की ओपीडी में वर्तमान में पेट दर्द व भूख न लगने की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में बच्चे आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण फास्ट फूड व बाहरी ऑयली खाद्य सामग्री का सेवन अधिक करने से पेट में इंफेक्शन हो रहा है। जिससे बच्चे के पेट में मीठा-मीठा दर्द बना रहता है। इसमें लापरवाही बरतने से यह डायरिया में बदल जाता है। जोकि बच्चे के लिए काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है।
बर्फ के गोले व साफ्ट ड्रिंक सबसे खतरनाक
पीडियाट्रिक एक्सपर्ट प्रो। यशवंत राव बताते है कि गर्मी में स्कूलों व कोचिंग के बाहर या फिर मार्केट में जगह-जगह बर्फ के गोले बिक्री होते दिखाई देते हैं। जिनका सेवन बच्चे बड़ी संख्या में करते हैं। बर्फ के गोले में यूज किए गए पानी व बिना मीठे पानी में यूज किए गए पानी शुद्ध नहीं होता है। वहीं मार्केट में साफ्ट ड्रिंक के नाम पर बिकने वाली रंग बिरंगे पानी भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। इनकी वजह से ही डायरिया के केस इन दिनों अचानक बढ़े हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आपके बच्चे को भी भूख कम लग रही है और खाना अच्छा नहीं लग रहा है। यह शिकायत अगर बीते दो से तीन सप्ताह से है तो थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योकि हो सकता है यह ज्वाइंडिस के लक्षण है। इसके अलावा बच्चे के आंख का सफेद भाग पीला दिखाई देने लगे हो तत्काल किसी पीडियाट्रिक एक्सपर्ट से चेकअप जरूर करा लें